मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर AI-आधारित कैमरे का परीक्षण किया जा रहा है. ये कैमरे फोन का उपयोग करते समय ड्राइविंग या डिस्ट्रैटिंग ड्राइविंग का पता लगाएंगे. ऐसे कैमरे विदेशों में कानून का उल्लंघन करने वाले मोटर चालकों को पकड़ने में माहिर साबित हुए हैं, जिसमें तेज गति से वाहन चलाते समय संदेश भेजना भी शामिल है. एक बार सिस्टम स्थापित हो जाने पर, अपराधियों की सूचना पुलिस को दी जाएगी.

विशेषज्ञ इस नए सिस्टम को लेकर उत्साहित हैं. पिछले छह वर्षों में महाराष्ट्र की सड़कों पर डिस्ट्रैटिंग ड्राइविंग से 382 लोगों की मौत हो गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के कई सिस्टम विदेशों में इस्तेमाल किए जा रहे हैं अब समय आ गया है कि इन्हें भारत के राजमार्गों पर स्थापित किया जाए.

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