
4 जून 2025 – ये तारीख अब सिर्फ एक कैलेंडर की तारीख नहीं रही. ये दिन लाखों RCB फैन्स के लिए उम्मीदों, आंसुओं और जश्न का प्रतीक बन गया. विराट कोहली (Virat Kohli) की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (Royal Challengers Bengaluru) ने IPL 2025 का खिताब जीतकर 18 साल पुराने सपने को साकार कर दिया.
इस टीम के लिए, जो बार-बार टूर्नामेंट जीतने के करीब पहुंचकर भी खाली हाथ रह गई, ये जीत किसी चमत्कार से कम नहीं थी और इस चमत्कार के केंद्र में थे – विराट कोहली.
फाइनल का रोमांच और कोहली की भावनाएं
3 जून को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में RCB ने पंजाब किंग्स को 6 रन से हराया. जैसे ही आखिरी गेंद फेंकी गई और जीत पक्की हुई, विराट कोहली मैदान पर घुटनों के बल बैठ गए.उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे.
वो सिर्फ 43 रन ही नहीं बना रहे थे, वो हर रन के साथ 18 साल की उम्मीदें, हारें और सपने जिंदा कर रहे थे. मैदान पर उनका हर कैच, हर चीयर, हर कदम बता रहा था – ये सिर्फ एक मैच नहीं है, ये उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा मौका है.
कोहली के शब्द, जो दिल तक उतर जाते हैं
मैच के बाद कोहली ने जो कहा, उसने हर क्रिकेट प्रेमी को भावुक कर दिया –
"मैंने इस टीम को अपना यौवन, अपना प्राइम, अपना अनुभव सब कुछ दिया है.हर सीजन में जीतने की कोशिश की, सब कुछ दिया जो मेरे पास था. मैंने कभी नहीं सोचा था कि ये दिन आएगा."
और फिर उन्होंने कहा –
"आज रात, मैं एक बच्चे की तरह सोऊंगा."
ये शब्द नहीं, एक लंबी भावनात्मक यात्रा की मंज़िल का बयान था।
RCB और कोहली – एक रिश्ते की मिसाल
जब 2008 में विराट कोहली ने RCB के लिए खेलना शुरू किया था, तब शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि ये रिश्ता इतना लंबा चलेगा. वो कप्तान बने, रन मशीन बने, आलोचना झेली, फिर भी कभी टीम को नहीं छोड़ा.
2009, 2011 और 2016 के फाइनल में हार के बाद भी उन्होंने टीम का साथ नहीं छोड़ा.
उनके शब्द थे –
"मैंने इस टीम के प्रति वफादार रहने की कोशिश की, चाहे जो हो. मैंने उनके पीछे खड़ा रहा, वे मेरे पीछे खड़े रहे."
ABD और गेल को याद कर नम हुईं आंखें
जीत के बाद कोहली ने AB de Villiers और क्रिस गेल का नाम लेकर हर फैन को पुराने दिनों में लौटा दिया.
"ABD ने इस फ्रैंचाइजी के लिए जो किया, वो अविश्वसनीय है. ये जीत उतनी ही उनकी है जितनी हमारी."
उन्होंने सिर्फ अपनी जीत को नहीं देखा, उन्होंने उन साथियों की मेहनत को भी याद किया जो इस मंज़िल तक पहुंचने में साथ थे.
अनुष्का शर्मा – सबसे करीबी सपोर्ट सिस्टम
इस ऐतिहासिक दिन को विराट ने अनुष्का शर्मा के साथ भी साझा किया.
"उन्होंने मुझे टूटते देखा है, रोते देखा है, हारते देखा है. और आज... ये खुशी उनके लिए भी है."
मैच के बाद अनुष्का को गले लगाना और माथे पर किस देना एक खिलाड़ी के इंसान बनने का सबसे खूबसूरत लम्हा था.
टीम की ताकत, प्रबंधन की सोच
कोहली ने अपने साथी खिलाड़ियों और टीम प्रबंधन की तारीफ करना नहीं भूला –
"बहुतों ने हमारी नीलामी रणनीति पर सवाल उठाए,लेकिन हमें अपने खिलाड़ियों पर भरोसा था। हमने सही समय पर सही फैसले लिए."
RCB ने दिखा दिया कि अगर टीम में जुनून, योजना और भरोसा हो – तो इतिहास लिखा जा सकता है.
सांख्यिकीय गौरव, लेकिन उससे भी बड़ी भावना
RCB की ये पहली ट्रॉफी है और वो अब आठवीं टीम बन गई जिसने IPL जीता. कोहली ने इस सीजन में 657 रन बनाए, 54.75 की औसत से – लेकिन सबसे बड़ी बात ये थी कि उन्होंने अपनी टीम को जीत दिलाई.
अंतिम शब्द: ये सिर्फ ट्रॉफी नहीं, एक विरासत है
विराट कोहली ने कहा –
"मेरे पास इस खेल को खेलने के लिए कुछ साल ही बचे हैं. और जब तक मैं अपने जूते टांग दूं, मैं घर बैठकर कहना चाहता हूं कि मैंने जो कुछ भी किया, उसमें सब कुछ दिया."
ये जीत एक ट्रॉफी से कहीं ज्यादा है. ये एक कहानी है जुनून की, समर्पण की, इंतजार की – और एक इंसान की, जिसने हार नहीं मानी. RCB की जीत ने दिखा दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो वक्त जरूर बदलता है.