देवी लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न! बनी रहेगी धन-धान्य और सुख-समृद्धि!
लक्ष्मी माता (Photo Credit: YouTube)

हमारे पौराणिक ग्रंथों में माता लक्ष्मी को धन और ऐश्वर्य की देवी बताया गया है. लक्ष्मी का एक नाम चंचला भी है. दरअसल उनका स्वभाव ऐसा ही है, कि वे किसी एक स्थान पर ज्यादा समय तक नहीं टिकतीं. इसके साथ यह भी प्रचलित है कि लक्ष्मी किसी से नाराज हो जायें तो राजा रातों रात रंक बन जाता है और खुश हो जायें, भिखारी को राजा बना देती है, इसलिए कोई भी लक्ष्मी को नाराज नहीं करना चाहता. माता लक्ष्मी किन बातों से खुश होती हैं और किन बातों से नाराज, यह जानने के लिए वास्तु का अध्ययन करना चाहिए. यहां हमारे ज्योतिष शास्त्री बता रहे हैं कि हमें वह कौन सा कार्य करना चाहिए, जिससे मां लक्ष्मी प्रसन्न हों, और ऐसा कौन सा कार्य नहीं करनी चाहिए जिससे वह रूष्ठ होकर चली जाएं. तो आइये जानें मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.

मंदिर में कोई भी ऐसी तस्वीर ना रखें जिनका कांच टूट गया हो, जिसमें चित्र स्पष्ट न हों, जो एकदम धुंधला गयी हो, ऐसी तस्वीरों को एक वर्ष से ज्यादा नहीं रखनी चाहिए. कहते हैं कि ऐसी तस्वीरें सकारात्मक ऊर्जा का क्षरण करती हैं, और माता लक्ष्मी उस घर में नहीं वास करतीं, जहां सकारात्मक ऊर्जा नहीं हो. इसलिए इस तरह की तस्वीरों अथवा प्रतिमाओं को बाहर किसी पीपल के पेड़ के नीचे रखवा देना चाहिए. यह भी पढ़े: Friday Pooja Special: माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन करें ये उपाय, नौकरी में तरक्की और कमाई में होगी बरकत

मान्यता है कि जिन घरों में सफाई नहीं होती, वहां मां लक्ष्मी एक पल नहीं टिकतीं, इसलिए घर के अंदर बेकार वस्तुएं, भंगार, कचरे बेडरूम में बेड के नीचे गंदगी न होने दें. समय-समय पर सफाई करें, ऐसे घरों में लक्ष्मी प्रसन्नता पूर्वक टिकती भी हैं और घर के नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट कर घर के लोगों के जीवन में समृद्धि लाती हैं.

घर में प्रत्येक वर्ष लिपाई पुताई अथवा रंग रोगन करते रहना चाहिए. घर की लिपाई-पुताई के लिए चूना सर्वश्रेष्ठ होता है. यह घर को किटाणुमुक्त करता है. ऐसे घरों में मां लक्ष्मी प्रसन्नता पूर्वक वास करती हैं.

घर के उत्तर पूर्व दिशा में एक खिड़की अवश्य होनी चाहिए, जहां से सूर्य का सीधा प्रकाश एवं खुली हवा आती हो, ऐसे घर में किटाणु नहीं पनपते, और घर साफ-सुथरा रहता है. सूर्य की निरंतर रोशनी आने से नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करतीं. ये सभी चीजें माता लक्ष्मी को आकर्षित करती हैं और वे उस घर में वास करती हैं.

रसोई का संबंध भोजन से और भोजन का स्वास्थ्य से और स्वस्थ जनजीवन से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं. कहते कहैं कि जिस घर की रसोई साफ-सुथरी होती है, वहां लक्ष्मी जी ज्यादा समय तक टिकती हैं. ऐसे ही घरों में बरक्कत होती है, और यह बरक्कत ही इस बात का प्रतीक है कि इस घर में लक्ष्मी का वास है.

घर के दक्षिण-पश्चिम हिस्से को ऊंचा रखें. घर के मालिक को ऐसे ही स्थान को शयनकक्ष बनाना चाहिए. ऐसे घर में नींद अच्छी आती है, और व्यक्ति हर निर्णय सोच-समझ कर लेता है. ऐसे माहौल में लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं.

ऐसा न करें

घर में जूठे बर्तन एक जगह समेट कर रखें, विशेषकर रात के समय. जूठे बर्तनों को फैला कर रखने से घर में गंदगी बढ़ती है, और गंदी जगहों से मां लक्ष्मी रूठ कर चली जाती हैं.

घर का उत्तर दिशा माता लक्ष्मी और कुबेर का माना जाता है, इन स्थानों पर घर का कूड़ा कचरा जमा न होने दें. ऐसा करना लक्ष्मी जी को नाराज करना होगा.

चूल्हे अथवा गैस पर खाली बर्तन रखना दरिद्रता की निशानी होती है, ऐसा हरगिज नहीं करें. ध्यान रहे घर में मंदिर के बाद रसोई घर सबसे महत्वपूर्ण जगह होती है, जो लक्ष्मी जी को आकर्षित करती है. ऐसे स्थानों को ज्यादा से ज्यादा साफ करके रखना चाहिए.

सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू अथवा सफाई नहीं करनी चाहिए, और घर का कूड़ा रात में तो हरगिज बाहर फेंके. यह दुर्भाग्य का सूचक हो सकता है. इससे बचें.

अगर आप पूजा अथवा किसी काम के लिए चंदन घिसते हैं तो उसे एक हाथ से नहीं घिसें, इसका असर घर की समृद्धि और शांति पर पड़ता है. इसके अलावा चंदन को घिसकर सीधे भगवान की प्रतिमा अथवा तस्वीरों पर नहीं लगाना चाहिए. इस तरीके से भगवान पूजा को स्वीकारते नहीं. बेहतर होगा कि चंदन को घिसकर किसी पात्र में निकालें, और फिर भगवान को तिलक करें.