Diwali 2024 Maa Lakshmi Ki Aarti: पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Utsav) को अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व माना जाता है. इस साल 29 अक्टूबर 2024 से 3 नवंबर 2024 तक दिवाली मनाई जा रही है. दीपावली (Deepawali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके और अपने 14 साल के वनवास को खत्म करके अयोध्या वापस लौटे थे. उनके आगमन की खुशी में नगरवासियों ने समस्त अयोध्या नगरी को दीयों की रोशनी से रोशन कर दिया था, तब से दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है. इसके साथ ही कहा जाता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है.
कार्तिक अमावस्या की शाम को शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है. इसके साथ ही पूजन के बाद मां लक्ष्मी की विशेष आरती की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी की आरती से न सिर्फ उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि का भी आगमन होता है. ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं मां लक्ष्मी की आरती के लिरिक्स और वीडियो, जिससे आप पूजा के बाद आरती करके मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.
माता लक्ष्मी की आरती (लिरिक्स)
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
मैया सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।
मैया तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता।
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
मां लक्ष्मी जी की आरती (वीडियो)
शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन किया जाना सबसे शुभ माना जाता है. प्रदोष काल के स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन करना सर्वोत्तम माना जाता है. इसके अलावा महानिशीथ काल में लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना के साथ-साथ पूरे घर को दीयों की रोशनी से रोशन किया जाता है और आतिशबाजी करके दिवाली के पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. जगमग दीयों की रोशनी और मिठाइयों की मिठास और रंग-बिरंगी रंगोली से सराबोर दिवाली के पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिलता है.