ऑफिस में, सहकर्मियों के साथ दोस्ती हो सकती है या नहीं, यह सवाल मनोविज्ञान के लिए जरूरी रहा है. जिस तरह दुनिया में अकेलापन बढ़ रहा है, उससे इस सवाल का जवाब खोजा जाना जरूरी हो गया है.डेटिंग ऐप कंपनी हिंज में काम करने वाले लोग हर महीने दो बार टीम मीटिंग के लिए जमा होते हैं. लेकिन मीटिंग के शुरुआती 30 मिनट में वे केवल बातें करते हैं. सब लोग एक-दूसरे से अपनी उम्मीदें और चिंताएं साझा करते हैं. बताते हैं कि क्या अच्छा हुआ, किस बात से उन्हें चिंता हुई और किसके लिए वे आभारी हैं.
हिंज के सीईओ जस्टिन मैक्लॉयड ने ‘साउथ बाय साउथवेस्ट कॉन्फ्रेंस‘ में बताया कि "लोगों को जोड़ने का काम करने वाली कंपनी में भी, दफ्तर के भीतर एक-दूसरे से रिश्ते बनाना मुश्किल होता है."
अमेरिका के सर्जन जनरल विवेक मूर्ति ने पिछले साल इसे 'अकेलापन महामारी' कहा था. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में अमेरिका के लगभग 60 प्रतिशत वयस्कों ने कहा था कि वे अकेलेपन की समस्या से जूझ रहे हैं. यह संख्या कोविड-19 महामारी के दौरान और भी बढ़ गई.
महामारी बना अकेलापन
अकेलापन केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट में पाया गया कि अकेलापन और सामाजिक अलगाव दुनिया भर में बढ़ रहे हैं, खासकर बुजुर्गों में. 2021 में, ब्रिटेन में एक सर्वेक्षण के अनुसार, 16-24 आयु वर्ग के लगभग 40 प्रतिशत युवाओं ने अत्यधिक अकेलापन महसूस किया.
अकेलापन न केवल मानसिक स्वास्थ्य पर बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है. इससे दिल की बीमारियों, स्ट्रोक और समयपूर्व मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है. अध्ययनों से पता चलता है कि अकेलापन 15 सिगरेट प्रतिदिन पीने जितना ही हानिकारक हो सकता है.
गैलप के एक सर्वेक्षण में दफ्तरों में काम करने वाले 30 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा कि वे काम के दौरान अकेलापन महसूस करते हैं. रिमोट वर्क और हाइब्रिड वर्क मॉडल्स ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है.
समाधान की जरूरत
यही वजह है कि दुनियाभर में कंपनियां इस समस्या का समाधान ढूंढने में लगी हैं. लीडरशिप स्पेशलिस्ट' माइकल बुंगे स्टैनियर कहते हैं, "लोग चाहते हैं कि उन्हें देखा और सुना जाए" लेकिन वीडियो कॉल्स में लोग सीधे काम की बात पर आ जाते हैं, जिससे कुदरती, अनौपचारिक बातचीत कम हो जाती है और लोग स्क्रीन पर विंडो में मौजूद चेहरों में बदल जाते हैं.
येल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर लॉरी सांतोस के अनुसार, ऑफिस में दोस्ती और अपनापन कर्मचारियों की खुशी और कंपनियों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं.
वह कहती हैं, "शायद हम सभी काम में इतने अलग-थलग महसूस करते हैं क्योंकि हम सबसे महत्वपूर्ण चीज में निवेश नहीं कर रहे हैं - अन्य लोगों के साथ हमारा संबंध. हमें लगता है कि ऑफिस में दोस्त होना अच्छा है, लेकिन हम यह नहीं सोचते कि ऑफिस में दोस्त होना जरूरी है."
हो रही हैं कोशिशें
कुछ बड़ी कंपनियां कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर ध्यान दे रही हैं. उदाहरण के लिए, कुछ कंपनियां अपने यहां सीढ़ियों को जोड़ रही हैं ताकि लोग अधिक चल सकें और "आकस्मिक मुलाकातों" से अच्छे संबंध बन सकें. कुछ कंपनियां ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं, जैसे अमेरिकन एक्सप्रेस ने महामारी के दौरान ऑनलाइन कुकिंग क्लासेस शुरू की थीं.
कर्मचारी भी अपने लिए उत्तर खोज रहे हैं. ‘हेल्दी रिलेशनशिप एकेडमी‘ के संस्थापक डेनियल बॉस्काल्जॉन कहते हैं, "लोगों को रिश्तों की लालसा होती है, लेकिन कई लोगों को बातचीत की कला नहीं आती. एक महत्वपूर्ण रणनीति है खुद को स्वस्थ रखने पर काम करना और सबके सामने एक जैसा बने रहना.”
बुंगे स्टैनियर कहते हैं कि किसी भी प्रोजेक्ट में शामिल होने से पहले सहकर्मियों के साथ संवाद करना भी महत्वपूर्ण है. वह बताते हैं, "हम सभी की अपनी छोटी-छोटी आदतें और प्राथमिकताएं होती हैं, और हम मानते हैं कि जो हमारे लिए सामान्य है, वह सभी के लिए सामान्य है."
विशेषज्ञों के मुताबिक सबसे महत्वपूर्ण है काम पर रोज के अभिवादन. बुंगे स्टैनियर कहते हैं, "एक साधारण 'हैलो' अकेलेपन को खत्म करने की शुरुआत हो सकती है."
रिपोर्टः विवेक कुमार (एपी)