विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अफ्रीकी महाद्वीप में 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए दुनिया का पहला मलेरिया वैक्सीन (Malaria Vaccine) शुरू करने की घोषणा की है. इसकी घोषणा विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) के अवसर पर की गई है जो हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है. डब्ल्यूएचओ ने ऐलान किया है कि तीन अफ्रीकी देशों में करीब साढ़े तीन लाख बच्चों को बड़े पैमाने पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत दुनिया का पहला मलेरिया वैक्सीन दिया जाएगा. मलावी (Malawi), घाना और केन्या आने वाले हफ्तों में बच्चों को मलेरिया के टीके देना शुरू कर देंगे. इस वैक्सीन का नाम RTS,S है.
इस वैक्सीन से बच्चों के इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करेगी जिससे मलेरिया वाले मच्छरों का उन पर कोई असर नहीं होगा. यह खुराक प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ काम करती है, जो दुनिया भर में सबसे घातक मलेरिया परजीवी है और अफ्रीका में सबसे ज्यादा प्रचलित है. मलेरिया के लिए मौजूद टीकों की तुलना में यह टीका तीन चरणों में तैयार किया गया है और असरदार पाया गया है. यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश में बुखार और मलेरिया का प्रकोप, पिछले 24 घंटे में सामने आए 11682 मामले
गौरतलब है कि मलेरिया एनोफिलीज मच्छर के काटने से मनुष्यों में संचरित होता है. जब संक्रमित मच्छर मानव को काटता है, तो परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित और नष्ट करने से पहले मेजबान के लिवर में मल्टीप्लाई हो जाता है. भारत ने 2027 तक मलेरिया मुक्त होने और 2030 तक इस बीमारी को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. मलेरिया के मामलों का पता लगाने और एक बड़ा जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है.