आधुनिक लाइफस्टाइल (Lifestyle) के इस दौर में ज्यादातर लोग डिप्रेशन यानी अवसादग्रस्त (Depression) होते जा रहे हैं. कामकाज का प्रेशर और घर-परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ लोगों पर इस कदर बढ़ने लगा है कि न चाहते हुए ज्यादातर लोग चिंता (Stress) और तनाव (tension) की बेड़ियों में जकड़ते जा रहे हैं. जब तनाव हद से ज्यादा बढ़ने लगता है तो यह मानसिक रोग (Mental Disease) का रुप लेने लगता है, जिसे डिप्रेशन कहा जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लगभग 6.5 फीसदी लोग डिप्रेशन का शिकार हैं. भारत में अवसादग्रस्त लोगों का यह आंकड़ा दुनिया के किसी भी दूसरे देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है.
काम में सफलता का दबाव, क्षमता से ज्यादा काम, स्वास्थ्य और पैसों से जुड़ी चिंता के कारण डिप्रेशन की समस्या हो सकती है. हालांकि कई लोग इसके लक्षणों को समझ नहीं पाते हैं, जिसके चलते यह स्थिति बद से बदतर होने लगती है. चलिए जानते हैं ऐसे ही 5 शुरुआती लक्षण जो बताते हैं कि आप डिप्रेशन की गिरफ्त में आ चुके हैं, ताकि इन लक्षणों को पहचान कर आप सावधान हो जाएं और किसी मानसिक रोग विशेषज्ञ की सलाह लें.
1- चिड़चिड़ा स्वभाव
डिप्रेशन का सबसे पहला लक्षण यह है कि इससे पीड़ित व्यक्ति स्वभाव चिड़चिड़े हो जाते हैं. अगर वो भावनात्मक बातें भी करते हैं तो उनकी बातों में दुख और चिड़चिड़ापन साफ झलकता है. उनके मन और मस्तिष्क में लगातार नकारात्मक विचार आते रहते हैं, जिससे उनकी बातों और स्वभाव दोनों में चिड़चिड़ापन नजर आता है. यह भी पढ़ें: इन पांच चीजों को खाने से कम हो सकता है डिप्रेशन
2- बेवजह गुस्सा
जो व्यक्ति डिप्रेशन की गिरफ्त में आ जाता है उसे बार-बार बिना किसी वजह के गुस्सा आता है. गुस्से के कारण कई बार वो आक्रामक हो जाते हैं और लड़ने-झगड़ने पर आमादा हो जाते हैं. वो बिना किसी वजह के अपने परिवार के सदस्यों या फिर किसी अन्य व्यक्ति पर गुस्सा जाहिर करने लगते हैं. ऐसे में अवसादग्रस्त व्यक्ति खुद को अधिक प्रभावी दिखाने की कोशिश करता है.
3- नींद पर असर
डिप्रेशन आपकी नींद को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है. इससे पीड़ित व्यक्ति या तो बहुत ज्यादा सोने लगता है या फिर बहुत कम सोता है. कई लोग 10-12 घंटे तक सोने के बावजूद थकान महसूस करते हैं. उनकी बातों में नकारात्मकता दिखाई देती है और वो ज्यादातर समय गुमसुम व उदास रहते हैं. डिप्रेशन के कारण ज्यादा सोने के बावजूद भी उन्हें थकान महसूस होती है और व्यक्ति का किसी भी काम में मन नहीं लगता है.
4- दर्द की समस्या
अवसादग्रस्त व्यक्ति अक्सर दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं, लेकिन वो इस दर्द के कारण को समझ नहीं पाते हैं. कब्ज, डायरिया, सिरदर्द, कमर दर्द जैसी स्वास्थ्य समस्याएं डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को हो सकती हैं. हालांकि पीड़ित अक्सर इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि उन्हें शारीरिक दर्द या फिर पेट से जुड़ी तकलीफें किस वजह से हो रही हैं. यह भी पढ़ें: World Mental Health Day: मानसिक तौर पर रहना है फिट तो अभी से अपना लीजिए ये आदतें
5- निर्णय न ले पाना
अगर आप लगातार किसी बात को लेकर असमंजस की स्थिति में रहते हैं और किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहे हैं या फिर आपको कोई फैसला लेने में परेशानी हो रही है तो यह संकेत है कि आप डिप्रेशन के शिकार हो गए हैं. अगर आपके स्वभाव में अचानक से यह समस्या आई है तो आपको इसके बारे में विचार करना चाहिए और इस संकेत पर गौर करते हुए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
नोट- इस लेख में दी गई सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसे किसी बीमारी के इलाज या फिर चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए और लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे इसका हम कोई दावा नहीं करते हैं, इसलिए लेख में दिए गए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.