Thailand और Cambodia आपस में क्यों कट मर रहे हैं, क्या है सीमा विवाद का मंदिर कनेक्शन? एक क्लिक में जानें सबकुछ
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Thailand Cambodia Border Dispute: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. गुरुवार को दोनों देशों के बीच छह अलग-अलग इलाकों में गोलीबारी और रॉकेट हमले हुए. थाईलैंड ने दावा किया कि इस झड़प में 9 नागरिकों की मौत हो गई और 14 घायल हुए. जवाब में थाई वायुसेना ने कंबोडिया पर एयर स्ट्राइक कर दी. तनाव मई में शुरू हुआ जब एक कंबोडियाई सैनिक की गोली लगने से मौत हो गई थी. इसके बाद बॉर्डर पर सख्ती बढ़ाई गई और हाल ही में लैंड माइंस से थाई सैनिक घायल हो गए. राजनीतिक हलचल भी तेज है. थाई पीएम पैटोंगटार्न शिनावात्रा को विवादित फोन कॉल के चलते सस्पेंड कर दिया गया.

वहीं, कंबोडिया ने थाई फिल्में और प्रोडक्ट्स बैन कर दिए हैं. इस टकराव की जड़ सिर्फ सीमाओं की खींची गई लकीरें नहीं हैं, बल्कि इसमें प्राचीन हिंदू मंदिरों का भी गहरा कनेक्शन है.

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प्रेह विहार मंदिर कैसे बना विवाद का कारण?

अब आपको बताते हैं कैसे प्रेह विहार  (Preah Vihear Temple)  और ता मुएन थॉम (Ta Muen Thom) जैसे ऐतिहासिक स्थल इस पूरे विवाद का अहम कारण बनें. सबसे पहले बात करते हैं प्रेह विहार मंदिर (Preah Vihear Temple) की, जिसे थाईलैंड में खाओ फ्रा विहार्न (Khao Phra Viharn) भी कहा जाता है.

ये 11वीं शताब्दी का एक शानदार हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है. ये मंदिर एक ऊंचे पठार पर बना है, जहां से दूर-दूर तक थाई और कंबोडियन इलाकों का नजारा दिखता है.

 इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का फैसला

1962 में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने इस मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा बताया, लेकिन थाईलैंड इस फैसले से संतुष्ट नहीं हुआ. खासकर मंदिर के आसपास की जमीन को लेकर विवाद बना रहा. 2008 में विवाद और भी बढ़ गया जब कंबोडिया ने इस मंदिर को UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल कराने की कोशिश की.

थाईलैंड ने इसका विरोध किया और दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई बार झड़पें हुईं. 2011 में तो टैंक और तोपों से हमला तक हुआ जिसमें कई लोगों की जान चली गई.

मुएन थॉम मंदिर को लेकर क्यों है विवाद?

अब बात करते हैं ता मुएन थॉम मंदिर (Ta Moan Thom / Prasat Ta Moan Thom) की. ये मंदिर समूह कंबोडिया और थाईलैंड की सीमा पर स्थित है. यह भी एक प्राचीन हिंदू स्थल है, जो खमेर काल की वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है. ये मंदिर कई वर्षों से दोनों देशों के बीच विवाद का कारण बना हुआ है क्योंकि ये बॉर्डर के एक बेहद संवेदनशील इलाके में आता है.

हाल ही में इसी मंदिर क्षेत्र में दोबारा संघर्ष देखने को मिला जब थाई और कंबोडियाई सैनिक आमने-सामने आ गए. कंबोडिया ने आरोप लगाया कि थाई सैनिकों ने उनकी सीमा में घुसकर फायरिंग की, वहीं थाईलैंड का कहना है कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई की.

मंदिरों के पीछे रणनीतिक स्थिति भी अहम

इन मंदिरों के पीछे न सिर्फ धार्मिक और ऐतिहासिक भावनाएं जुड़ी हैं, बल्कि रणनीतिक स्थिति भी है. ऊंचाई पर स्थित होने के कारण इन मंदिरों से दोनों देशों की सीमाओं पर नजर रखी जा सकती है, जो इन्हें रणनीतिक रूप से बेहद अहम बना देता है.

साफ है कि इस विवाद में केवल कूटनीति और राजनीति ही नहीं, बल्कि धर्म, इतिहास और विरासत की परतें भी जुड़ी हैं. जब तक दोनों देश आपसी समझदारी से इन स्थलों का सम्मान करते हुए हल नहीं निकालते, तब तक ये खूबसूरत मंदिर विवादों के साए में ही रहेंगे.