बेंगलुरू: लगातार जानलेवा बीमारी निपाह वायरस केरल के सीमावर्ती राज्य कर्नाटक में फैल गया है. इसी कड़ी में बता दें कि कर्नाटक के मेंगलुरू में निपाह वायरस से पीड़ित दो संदिग्ध मरीजों का गुरुवार को पता चलने के बाद उन्हे निगरानी में रखा गया है. अब उनका इलाज चल रहा है. ये दोनों ही पीड़ित केरल से हैं. इनमें से एक ने हाल में निपाह पीड़ित मरीज से मुलाकात की थी. केरल में निपाह वायरस से गुरुवार को एक और व्यक्ति की मौत होने से मृतकों की संख्या 12 तक पहुंच गयी है. जानकारी के अनुसार इस वायरस ने कोझिकोड जिले में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है. हेल्थ डिपार्टमेंट ने इसे लेकर प्रदेश में निर्देश जारी किए हैं. इनमें कहा गया है कि पेड़ से गिरे हुए, कटे या फटे फलों को खाने से निपाह वायरस का खतरा हो सकता है। फलों को निपाह वायरस से पीड़ित चमगादड़ द्वारा चाटा या खाया गया हो सकता है.
गौरतलब है कि कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में 136 मरीजों का इलाज चल रहा है तो 160 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. 22 की रिपोर्ट आई है. इनमें 14 को निपाह वायरस से संक्रमित पाया गया है. वही एक नर्सिंग स्टूडेंट भी पॉजिटिव पाई गई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए और वायरस ज्यादा फैलने से रोकने के लिए एहतियातन कोझिकोड यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं टाल दी गई हैं.साथ ही कोचिंग, ट्यूशन क्लासेस, पब्लिक मीटिंग पर रोक लगाई गयी है.
खबरों के अनुसार इस वायरस की वजह से मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के लिए एक प्रोटोकॉल जारी किया गया है. इसमें दाह संस्कार को प्राथमिकता देने को कहा गया है. ऐसा न कर पाने की स्थिति में शव को पॉलीथिन बैग में लपेटकर गहराई में दफन करने का आदेश जारी किया गया है.
इसी बीच केरल में निपाह से हुई मौतों के बीच हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन में कुछ चमगादड़ों की मौत हुई है.जिसके बाद इनके सैंपल जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को भेजे गए हैं.
जानिए क्या है बीमारी के लक्षण?
बता दें कि इस वायरस से पीड़ित शख्स को सांस लेने की दिक्कत होती है फिर दिमाग में जलन महसूस होती है. तेज बुखार आता है. वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर मौत हो जाती है.
सावधानी बरतें.
वही इस बीमारी से बचने के लिए बीमार सुअर, घोड़ों और दूसरे जानवरों से दूरी बनायें रखें. ताकि किसी तरह की तकलीफ ना हो.