Delta Plus, New COVID19 Variant: डेल्टा प्लस नया कोविड वेरिएंट पाया गया, जानें इसके प्रसार और विषाणु के बारे में
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली, 15 जून: अत्यधिक संक्रामक B.1.6172 या COVID-19 का डेल्टा संस्करण, जो पहली बार भारत में पाया गया है और इसे देश में कोरोनावायरस मामलों की दूसरी लहर के ड्राइवरों में से एक माना जाता है. जो आगे डेल्टा प्लस या AY.1 संस्करण में उत्परिवर्तित हो गया है. पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) द्वारा कोरोनावायरस वेरिएंट पर हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, डेल्टा प्लस वेरिएंट की पहचान भारत में 6 जीनोम के रूप में 7 जून को की गई थी. पीएचई ने अपनी रिपोर्ट में नए K417N के साथ डेल्टा वेरिएंट के 63 जीनोम भी बताए हैं. वैश्विक विज्ञान पहल GISAID पर अब तक उत्परिवर्तन की पहचान की गई है. यहां जानें अब तक COVID-19 के डेल्टा प्लस संस्करण के बारे में. यह भी पढ़ें: कोरोना से मिली बड़ी राहत, 75 दिनों बाद संक्रमण के सबसे कम 60 हजार नए मामले मिले, पॉजिटिविटी रेट 3.45% हुई

डेल्टा प्लस वेरिएंट क्या है?

दिल्ली स्थित सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने कहा, डेल्टा प्लस संस्करण या एवाई.1 डेल्टा के उभरते हुए रूपों में से एक है. स्कारिया ने कहा, डेल्टा प्लस संस्करण SARS-COV-2 के स्पाइक प्रोटीन में एक उत्परिवर्तन का परिणाम था, जो कोरोनावायरस को मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमित करने में मदद करता है.

देखें ट्वीट:

वे देश जहां डेल्टा प्लस वेरिएंट मिले थे:

पीएचई ने इंग्लैंड में डेल्टा प्लस संस्करण के कुछ मामलों की पहचान की है. इनमें से अधिकांश मामले यात्रा से जुड़े थे (यात्रा के देशों में नेपाल, तुर्की, मलेशिया और सिंगापुर शामिल हैं), जीनोमिक अनुक्रमण में विशेषज्ञता रखने वाले वैज्ञानिक बानी जॉली ने कहा. आउटब्रेक डॉट इंफो के मुताबिक, भारत के अलावा ये सीक्वेंस अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, रूस, जापान, पुर्तगाल, पोलैंड, तुर्की, नेपाल और स्विटजरलैंड से भी आए हैं.

देखें ट्वीट:

डेल्टा प्लस वेरिएंट प्रसिद्ध मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल उपचार के लिए प्रतिरोधी:

विशेषज्ञों के अनुसार, डेल्टा प्लस वैरिएंट कासिरिविमैब (Casirivimab) और इमदेविमाब (Imdevimab) के प्रसिद्ध एंटीबॉडी कॉकटेल जैब के लिए प्रतिरोधी है. यह वही कॉकटेल जैब है जो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को तब दिया गया था जब उन्हें कोरोना वायरस हुआ था. उपचार को हाल ही में भारत द्वारा अप्रूव्ड किया गया है.

डेल्टा प्लस अभी के लिए चिंता का विषय नहीं है'

सीएसआईआर-आईजीआईबी के निदेशक पल्मोनोलॉजिस्ट अनुराग अग्रवाल के अनुसार, भारत में डेल्टा प्लस संस्करण के कारण अभी तक चिंता का कोई कारण नहीं है. समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए, अग्रवाल ने रेखांकित किया कि इस नए संस्करण के खिलाफ पूरी तरह से टीकाकरण वाले व्यक्तियों के रक्त प्लाज्मा का परीक्षण करना होगा. इम्यूनोलॉजिस्ट विनीता बल, जो पुणे के भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान में अतिथि संकाय हैं, ने पीटीआई को बताया कि डेल्टा प्लस संस्करण में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल के प्रतिरोध का मतलब यह नहीं है कि नया संस्करण अधिक संक्रामक है.

बाल के हवाले से कहा गया, "यह नया संस्करण कितना संचरणीय है इसके तेजी से प्रसार या अन्यथा निर्धारित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक होगा. इस प्रकार, नए संस्करण के साथ संक्रमण पकड़ने वाले व्यक्तियों में यह चिंता का विषय नहीं हो सकता है."