Mangal Pandey Birth Anniversary 2020: ब्रिटिश सरकार (British Government) के खिलाफ विद्रोह का अलख जगाकर देशवासियों में स्वतंत्रता (Freedom) की भावना जगाने वाले महान भारतीय सैनिक (Great Indian Soldier) मंगल पांडे की आज जयंती (Mangal Pandey Jayanti) मनाई जा रही है. आजादी के सबसे पहले क्रांतिकारी माने जाने वाले मंगल पांडे (Mangal Pandey) ने 1857 में पहली बार देशसावियों के मन में आजादी की मशाल रौशन की थी. उनका जन्म 19 जुलाई 1827 को बलिया जिले के नगवा गांव में हुआ था. उनके पिता जी का नाम दिवाकर पांडे और माता जी का नाम अभारानी पांडे था.
महज 18 साल की उम्र में मंगल पांडे ने एक सैनिक के रूप में ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) ज्वाइन की थी. उन्हें ब्रिटिश शासन के खिलाफ खड़े होने और 1857 के विद्रोह (Revolt Of 1857) को उकसाने के लिए जाना जाता है, जिसने भारत में स्वतंत्रता संघर्ष के लिए देशवासियों को प्रेरित किया. मंगल पांडे के जन्मदिवस पर जानते हैं उनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य.
मंगल पांडे से जुड़े रोचक तथ्य
1- मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 को ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह की योजना बनाई थी और आजादी की लड़ाई का अलख जगाया था.
2- साल 1849 में मंगल पांडे ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में शामिल हुए थे.
3- पांडे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सिपाही के रूप में 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री रेजिमेंट में शामिल हुए थे.
4- मंगल पांडे साल 1949 में बंगाल सेना में शामिल हुए और वे रेजिमेंट की 5वीं कंपनी में एक निजी सैनिक थे.
5- 29 मार्च 1857 को उत्तरी कोलकाता के बैरकपुर में मंगल पांडे ने ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला कर दिया.
6- भारत सरकार ने 1984 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए एक स्मारक डाट टिकट जारी किया था. यह भी पढ़ें: मंगल पांडे जन्मदिन विशेष: 1857 में जिसने हिला दी थी बरतानिया सरकार की नींव, जल्लादों ने फांसी देने से कर दिया था इनकार
7- मंगल पांडे के नेतृत्व में होने वाली घटनाओं को दर्शाने के लिए एक फिल्म बनाई गई. 'मंगल पांडे:द राइजिंग' नाम की फिल्म 12 अगस्त 2005 को रिलीज हुई थी.
8- आधुनिक भारतीय राष्ट्रवादियों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने की साजिश के पीछे मंगल पांडे को मास्टरमांड बताया था.
9- अंग्रेजों के खिलाफ मंगल पांडे द्वारा शुरु किए गए 1857 के विद्रोह में देश के विभिन्न हिस्सों से भारतीय सैनिकों ने हिस्सा लिया था.
10- मंगल पांडे की गिरफ्तारी के बाद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई और 8 अप्रैल 1857 को फांसी पर लटका दिया गया.
गौरतलब है कि मंगल पांडे द्वारा भड़काई गई आजादी की चिंगारी पूरे देश में सुलगने लगी, जिसे देख अंग्रेजी हुकूमत घबरा गई. आखिरकार ब्रिटिश सरकार ने मंगल पांडे को 6 अप्रैल को फांसी की सजा सुना दी गई. स्थानीय जल्लादों ने मंगल पांडेय को फांसी देने से मना कर दिया था, जिसकी वजह से कोलकाता से चार जल्लादों को बुलाकर 8 अप्रैल को ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ असंतोष भड़कता देख अंग्रेजों ने मंगल पांडेय को फांसी पर चढ़ा दिया.