Kargil Vijay Diwas 2024 Wishes in Hindi: हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता है. दरअसल, साल 1999 में भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच लगभग 60 दिनों तक चले युद्ध का अंत इसी दिन हुआ था. 26 जुलाई 1999 को भारत के वीर सपूतों ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के कारगिल (Kargil) की चोटियों से पाकिस्तानी सेना को खदेड़कर बाहर निकाला था और ऑपरेशन विजय को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था, तब से हर साल इस दिन भारत के वीर सपूतों के गौरवपूर्ण जीत का जश्न मनाने के लिए कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. 3 मई 1999 को भारतीय सेना को जानकारी मिली कि कुछ लोग कारगिल में हरकत कर रहे हैं, सेना को इसकी जानकारी ताशी नामग्याल नाम के एक स्थानीय चरवाहे ने दी थी. इसके बाद 5 मई के दिन भारतीय सेना गश्त पर निकली, इस दौरान सेना के पांच जवानों को बंधकर बनाकर यातनाएं देकर मार दिया गया.
8 मई 1999 को पाकिस्तानी सैनिकों और कश्मीरी आतंकियों को कारगिल की चोटी पर देखा गया था, जिसके बाद भारत-पाक के बीच कारगिल युद्ध शुरु हुआ. इस युद्ध में 2 लाख भारतीय सैनिकों ने हिस्सा लिया था और करीब 60 दिन बाद भारत की जीत के साथ यह युद्ध समाप्त हुआ था. ऐसे में कारगिल विजय दिवस पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
उनकी शहादत का कर्ज देश पर उधार है,
आप और हम इसलिए खुशहाल हैं क्योंकि,
सीमा पर सैनिक शहादत को तैयार हैं.
भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध की शुरुआत के बाद 9 जून को भारतीय सेना ने बाल्टिक क्षेत्र की 2 चौकियों पर कब्जा जमा लिया, फिर 13 जून को द्रास सेक्टर में तोलोलिंग पर परचम लहराया और इसके बाद 29 जून को भारतीय सेना ने दो अहम चौकियों पर भी कब्जा जमा लिया. 2 जुलाई को कारगिल में तिहरा हमला हुआ, जिसका करारा जवाब देकर 4 जुलाई को भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर कब्जा जमाया, फिर 5 जुलाई को द्रास, 7 जुलाई को जुबार चोटी और 11 जुलाई को बटालिक की प्रमुख चोटियों पर भारतीय सेना ने तिरंगा लहराया.
इसके बाद 14 जुलाई 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कारगिल को घुसपैठियों से मुक्त कराने के लिए ऑपरेशन विजय की सफलता का ऐलान किया. आखिरकार 26 जुलाई 1999 को आधिकारिक तौर पर भारत की जीत के साथ भारत-पाक के बीच कारगिल युद्ध समाप्त हुआ. हालांकि इस युद्ध में भारत के 527 सैनिकों ने अपना बलिदान दिया था, जिनमें कैप्टन विक्रम बत्रा भी शामिल थे.