ईद-मिलाद-उन-नबी 2024 (Photo Credits: File Image)
Eid Milad-Un-Nabi Quotes 2024: मिलाद-उन-नबी (Milad un Nabi), जिसे ईद-ए-मिलाद (Eid-e-Milad) और मौलिद-उन-नबी के नाम से भी जाना जाता है. इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है, जो अल्लाह के आखिरी दूत पैगंबर मुहम्मद की सालगिरह की याद दिलाता है. अधिकांश सूफी इस अवसर को इस्लामी कैलेंडर के तीसरे माह रबी अल-अव्वल में मनाते हैं. ईद-ए-मिलाद, रबी-अल-अव्वल (Rabi-al-Awal) के 12वें दिन सुन्नी मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है, जब कि शिया मुसलमान इस पर्व को रबी-अल-अव्वल के 17वें दिन मनाते हैं. यह चंद्रमा के दिखने पर निर्धारित होता है. इस वर्ष, ईद-ए-मिलाद 17 सितंबर 2024, दिन मंगलवार को मनाया जाएगा. यह भी पढ़ें: Rabi ul Awal 2024 Mubarak Messages: रबी-उल-अव्वल मुबारक! प्रियजनों संग शेयर करें ये हिंदी Quotes, WhatsApp Wishes और Facebook Greetings
हज़रत मुहम्मद ने पूरी दुनिया को सत्य और सद्भावना से जीने की नसीहत दी थी. उनके विचार और कर्म भी आपसी भाईचारे और अमन-चैन का पैगाम देते हैं. ईद-मिलाद-उन-नबी के खास अवसर पर अपने मित्रों एवं परिजनों को मैसेज और कोट्स भेज सकते हैं.
1- ‘मौलिद अल-नबी का एक बुनियादी उद्देश्य पैगंबर के प्यार और निकटता को प्राप्त करना और अपने सबसे सम्मानित व्यक्ति के साथ आस्तिक के रिश्ते को पुनर्जीवित करना है.’
-मुहम्मद ताहिर-उल-कादरी
त्योहार
Rajesh Srivastav|
Sep 09, 2024 10:28 AM IST
ईद-मिलाद-उन-नबी 2024 (Photo Credits: File Image)
Eid Milad-Un-Nabi Quotes 2024: मिलाद-उन-नबी (Milad un Nabi), जिसे ईद-ए-मिलाद (Eid-e-Milad) और मौलिद-उन-नबी के नाम से भी जाना जाता है. इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है, जो अल्लाह के आखिरी दूत पैगंबर मुहम्मद की सालगिरह की याद दिलाता है. अधिकांश सूफी इस अवसर को इस्लामी कैलेंडर के तीसरे माह रबी अल-अव्वल में मनाते हैं. ईद-ए-मिलाद, रबी-अल-अव्वल (Rabi-al-Awal) के 12वें दिन सुन्नी मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है, जब कि शिया मुसलमान इस पर्व को रबी-अल-अव्वल के 17वें दिन मनाते हैं. यह चंद्रमा के दिखने पर निर्धारित होता है. इस वर्ष, ईद-ए-मिलाद 17 सितंबर 2024, दिन मंगलवार को मनाया जाएगा. यह भी पढ़ें: Rabi ul Awal 2024 Mubarak Messages: रबी-उल-अव्वल मुबारक! प्रियजनों संग शेयर करें ये हिंदी Quotes, WhatsApp Wishes और Facebook Greetings
हज़रत मुहम्मद ने पूरी दुनिया को सत्य और सद्भावना से जीने की नसीहत दी थी. उनके विचार और कर्म भी आपसी भाईचारे और अमन-चैन का पैगाम देते हैं. ईद-मिलाद-उन-नबी के खास अवसर पर अपने मित्रों एवं परिजनों को मैसेज और कोट्स भेज सकते हैं.
1- ‘मौलिद अल-नबी का एक बुनियादी उद्देश्य पैगंबर के प्यार और निकटता को प्राप्त करना और अपने सबसे सम्मानित व्यक्ति के साथ आस्तिक के रिश्ते को पुनर्जीवित करना है.’
-मुहम्मद ताहिर-उल-कादरी

ईद-मिलाद-उन-नबी 2024 (Photo Credits: File Image)
2- ‘चार चीजें दुनिया को सहारा देती हैं: बुद्धिमानों की शिक्षा, महान लोगों का न्याय, अच्छे लोगों की प्रार्थना और बहादुरों की वीरता.’
–पैगम्बर मुहम्मद

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3- ‘ईद मिलाद उन नबी अल्लाह के साथ नई इच्छाओं, उम्मीदों और ताकत के साथ जुड़ने का एक शानदार अवसर है. आइए हम सब मिलकर इस दिन को अनमोल बनाएं.’
4- ‘सभी को मावलिद की शुभकामनाएं, क्योंकि हम शिक्षकों के शिक्षक, मानव जाति और पूरे अस्तित्व पर दया करने वाले, प्रेम, शांति और दया के प्रकटीकरण के जन्म का जश्न मनाते हैं.’
-सामी यूसुफ

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2- ‘चार चीजें दुनिया को सहारा देती हैं: बुद्धिमानों की शिक्षा, महान लोगों का न्याय, अच्छे लोगों की प्रार्थना और बहादुरों की वीरता.’
–पैगम्बर मुहम्मद

ईद-मिलाद-उन-नबी 2024 (Photo Credits: File Image)
3- ‘ईद मिलाद उन नबी अल्लाह के साथ नई इच्छाओं, उम्मीदों और ताकत के साथ जुड़ने का एक शानदार अवसर है. आइए हम सब मिलकर इस दिन को अनमोल बनाएं.’
4- ‘सभी को मावलिद की शुभकामनाएं, क्योंकि हम शिक्षकों के शिक्षक, मानव जाति और पूरे अस्तित्व पर दया करने वाले, प्रेम, शांति और दया के प्रकटीकरण के जन्म का जश्न मनाते हैं.’
-सामी यूसुफ

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5- ‘तुममें से कोई भी व्यक्ति तब तक सच्चा ईमान नहीं लाता, जब तक वह अपने भाई के लिए वही प्यार न करे, जो वह अपने लिए प्यार करता है.’
–हदीस

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हर साल ईद-ए-मिलाद (Eid-e-Milad) को इस्लामिक पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. यह व्यापक रूप से माना जाता है कि पैगंबर का जन्म इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मक्का में अब्दुल्ला और बीबी अमीना के घर हुआ था. हालांकि, शिया मुसलमानों का मानना है कि उनका जन्म रबी अल-अव्वल की 17 तारीख को हुआ था. शिया समुदाय का मानना है कि इसी दिन पैगंबर ने हजरत अली को अपना उत्तराधिकारी चुना था. हालांकि, सुन्नी समुदाय पूरे दिन प्रार्थना सभाओं का आयोजन करता है. लोग बड़े जुलूस निकालकर और अपने घरों को सजाकर भी ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाते हैं.