Dahi Handi 2021 Wishes In Hindi: भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव (Krishna Janmashtami) का जश्न मनाने के बाद अगले दिन दही हांडी (Dahi Handi) का आयोजन किया जाता है. इसे कान्हा (Kanha) की बाल लीलाओं का उत्सव माना जाता है. अगर जन्माष्टमी कान्हा के जन्मोत्सव की खुशियां मनाने का पर्व है तो दही हांडी उनकी बाल लीलाओं की झांकी दिखाने का उत्सव है. महाराष्ट्र और गुजरात में दही हांडी उत्सव की अनोखी धूम देखने को मिलती है, लेकिन देश के अन्य हिस्सों में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन बच्चों और युवाओं की टोली गोविंदा बनकर दही हांडी का उत्सव मनाते हैं. जगह-जगह चौराहों पर दही और मक्खन से भरी मटकियां लटकाई जाती हैं, गोविंदा मानव पिरामिड बनाकर एक-दूसरे पर चढ़ते हैं और मटकी को फोड़ते हैं.
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशियों का जश्न मनाने के लिए बड़े ही धूमधाम से दही हांडी का आयोजन किया जाता है. हालांकि कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए महाराष्ट्र में इस उत्सव पर पाबंदी लगती दिख रही है. ऐसे में आप सोशल मीडिया के जरिए इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, कोट्स और जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर इस उत्सव की शुभकामनाएं देकर अपनों के साथ जश्न मना सकते हैं.
1- देखो फिर जन्माष्टमी आई है,
माखन की हांडी ने फिर मिठास बढ़ाई,
कान्हा की लीला है सबसे प्यारी,
वो दें तुम्हें दुनिया भर की खुशियां सारी...
दही हांडी की शुभकामनाएं
2- दही की हांडी, बारिश की फुहार,
माखन चुराने आए नंदलाल,
मुबारक हो आप सबको,
दही हांडी का ये त्योहार.
दही हांडी की शुभकामनाएं
3- माखन चोर नंदकिशोर,
बांधी जिसने प्रीत की डोर,
हरे कृष्ण, हरे मुरारी,
पूजती जिन्हें दुनिया सारी,
आओ उनके गुण गाएं...
सब मिलके दही हांडी मनाएं...
दही हांडी की शुभकामनाएं
4- नटखट-नटखट माखन चोर, खींच सबको अपनी ओर,
गलियों में अब मच गया शोर, बांसुरी बजाए नंदकिशोर,
यशोदा मैया का दुलारा, गोकुल का यह कृष्ण प्यारा,
उनके जन्म की खुशी मनाओ, झूम-झूम कर नाचो-गाओ...
दही हांडी की शुभकामनाएं
5- राधे जी का प्रेम, मुरली की मिठास,
माखन का स्वाद, गोपियों का रास,
इन्ही से मिलकर बनता है,
दही हांडी का दिन खास...
दही हांडी की शुभकामनाएं
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण को दही और माखन अत्यंत प्रिय था, इसलिए वो गोपियों की मटकियों से अक्सर माखन चुराकर खाया करते थे. ऐसे में कान्हा से अपने दही-माखन को बचाने के लिए गोपियां अपनी मटकियों को ऊंचाई पर टांग देती थीं, लेकिन कान्हा अपने मित्रों के साथ मिलकर बड़ी ही चतुराई से माखन चुरा लेते थे. माखन चुराने के लिए कई बार वो मटकियां फोड़ देते थे, इसलिए उनकी बचपन की नटखट लीलाओं का जश्न मनाने के लिए इस उत्सव को धूमधाम से मनाया जाता है.