Birsa Munda Death Anniversary: 9 जून आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की 121वीं पुण्यतिथि (Birsa Munda Death Anniversary) है. भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक बिरसा मुंडा की मृत्यु 24 वर्ष की आयु में 1900 में उनके मुकदमे के दौरान जेल में हुई थी. बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ था. वह छोटा नागपुर पठार क्षेत्र में मुंडा जनजाति के थे. उन्हें इस क्षेत्र में ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनकी सक्रियता के लिए जाना जाता है, जो अब झारखंड और बिहार राज्यों का निर्माण करता है. स्कूली शिक्षा के शुरुआती वर्षों में, बिरसा को जयपाल नाग ने सालगा में पढ़ाया था. बाद में, उन्होंने नाग की सिफारिश पर ईसाई धर्म अपना लिया और एक जर्मन मिशन स्कूल में शामिल हो गए. इस स्कूल में कुछ साल बिताने के बाद बिरसा ने इसे छोड़ दिया. यह भी पढ़ें: Birsa Munda Death Anniversary: महान थे लोक नायक बिरसा मुंडा, अंग्रेजों के नाक में कर दिया था दम, जानें उनके जीवन से जुड़ी बड़ी बातें
ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के समय, आदिवासियों के एक वर्ग को ईसाई धर्म में परिवर्तित किया जा रहा था. उस अवधि के दौरान, बिरसा ने बिरसैत नामक एक विश्वास की शुरुआत की, जो एक ईश्वर में विश्वास करता था, और आदिवासियों को अपने मूल धार्मिक विश्वासों पर लौटने के लिए कहा. मुंडा, खरियास और उरांव आदिवासी समुदायों के सदस्यों ने इस विश्वास का पालन करना शुरू कर दिया. झारखंड में आदिवासी समाज के लोग उन्हें भगवान मानते हैं. वे उनकी जयंती और पुण्यतिथि को धूम-धाम से मनाते है. भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर हम ले आए कुछ HD Wallpapers और GIF Images जिन्हें भेजकर आप उन्हें याद कर सकते हैं.
बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर नमन
बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर नमन
बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर नमन
बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर नमन
बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर नमन
बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि
बिरसा द्वारा शुरू किए गए स्वतंत्रता आंदोलन का नारा था 'अबुआ राज सेटर जाना, महारानी राज टुंडू जाना' जिसका अर्थ है 'रानी का राज्य खत्म करो, हमारा राज्य बनाओ'. उनके अनुयायियों ने एक आदिवासी गुरिल्ला सेना का गठन किया और ब्रिटिश शासन के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर हमला किया. उन्होंने ब्रिटिश पुलिस अधिकारियों को भी मार डाला. बिरसा को 1900 में चक्रधरपुर के जामकोपई जंगल से गिरफ्तार किया गया था. धरती आबा के नाम से मशहूर बिरसा की 9 जून, 1900 को रांची जेल में तब मौत हो गई, जब उन पर मुक़दमा चल रहा था. उनकी जयंती पर वर्ष 2000 में झारखंड राज्य का निर्माण किया गया.