![Bhagat Singh 114th Jayanti 2021: भगत सिंह के 114वीं वर्षगांठ की शुभकामनाएं, शेयर करें वीर सपूत के ये WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIFs और वॉलपेपर्स Bhagat Singh 114th Jayanti 2021: भगत सिंह के 114वीं वर्षगांठ की शुभकामनाएं, शेयर करें वीर सपूत के ये WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIFs और वॉलपेपर्स](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2021/09/Bhagat-singh-birthday-Quotes_Teaser-380x214.jpeg)
नई दिल्ली, 27 सितंबर: आज ही के दिन यानी 27 सितंबर साल 1907 में मां भारती के वीर सपूत अमर शहीद भगत सिंह (Bhagat Singh) का जन्म लायलपुर (अब पाकिस्तान में) स्थित बंगा गांव में हुआ था. उनके मां का नाम विद्यावती और पिता का नाम किशन सिंह है. भगत सिंह 13 अप्रैल साल 1919 में जलियांवाला नरसंहार को देखकर इतने व्यथित हुए कि वह अपने कॉलेज की पढाई छोड़कर आजादी की जंग में कूद पड़े. उनके हिंसक आंदोलनों ने ब्रिटिशों सैनिकों की नींद उड़ा दी. अंततः उन्हें महज 23 वर्ष की उम्र में अंग्रेजी हुकूमत ने असेंबली में बम फेंकने के आरोप में 23 मार्च साल 1931 में उनके क्रांतिकारी साथियों राजगुरु (Rajguru) और सुखदेव (Sukhdev) के साथ फांसी पर चढ़ा दिया. देश में आज उनकी 114वीं वर्षगांठ को धूमधाम से मनाया जा रहा है. भगत सिंह के 114वें वर्षगांठ पर उनसे जुड़ी कुछ रोचक कोट्स हम आपके लिए लेकर आए हैं, जो इस प्रकार हैं-
1. सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है.
-शहीद भगत सिंह
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2. जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है,
उसे हर एक रुढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी,
उसमें अविश्वास करना होगा, तथा उसे चुनौती देनी होगी.
-शहीद भगत सिंह
![](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2021/09/Bhagat-singh-birthday-Quotes_2.jpeg)
3. राख का हर एक कण,
मेरी गर्मी से गतिमान है.
मैं एक ऐसा पागल हूं,
जो जेल में भी आजाद है.
-शहीद भगत सिंह
![](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2021/09/Bhagat-singh-birthday-Quotes_3.jpeg)
4. इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से,
अगर मैं इश्क लिखना भी चाहूं तो इंकलाब लिख जाता हूं.
-शहीद भगत सिंह
![](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2021/09/Bhagat-singh-birthday-Quotes_4.jpeg)
5. वे मुझे मार सकते हैं,
लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं
वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं,
मेरी आत्मा को नहीं.
-शहीद भगत सिंह
![](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2021/09/Bhagat-singh-birthday-Quotes_5.jpeg)
बता दें भगत सिंह के बारे में एक कहानी काफी प्रचलित है. दरअसल सिंह के जमाने में लोगों की शादियां करीब 12-13 साल की उम्र में हो जाया करती थीं. ऐसे में भगत सिंह के मां की भी इच्छा थी कि उनके घर में बहु आए. इसके लिए उन्होंने भगत सिंह से उनकी शादी के बारे में बात की, लेकिन सिंह मां द्वारा शादी की बात सुनकर कानपुर चले गए. इस दौरान उन्होंने अपने माता-पिता से कहा कि गुलाम भारत में मेरी दुल्हन बनने का अधिकार केवल मेरी मौत को है. इसके बाद वह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन में शामिल हो गए.