इन 5 वजहों से चाहकर भी पार्टनर से अलग नहीं हो पाती हैं महिलाएं, रिलेशनशिप में रहना बन जाती है मजबूरी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

शादी (Marriage) को सात जन्मों का पवित्र बंधन माना जाता है, इसलिए वैवाहिक रिश्ते की नाजुक डोर को संभालना पति-पत्नी (Husband And Wife) दोनों की बराबर की जिम्मेदारी होती है. कहा जाता है कि भगवान ऊपर से जोड़ियां बनाकर भेजता है और धरती पर ये जोड़ियां विवाह के बंधन में बंधकर एक-दूसरे की हो जाती हैं. हालांकि वैवाहिक रिश्ते में कई बार आपसी तालमेल की कमी, आपस में प्यार न होना, सम्मान की कमी जैसी कई वजहें होती हैं, जिनके कारण रिश्ते में दरार आ जाती है. पति-पत्नी के बीच कड़वाहट इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है, बावजूद इसके चाहकर भी महिलाएं अपने रिश्ते से अलग नहीं हो पाती हैं.

महिलाएं अपने रिश्ते को बचाने की हर मुमकिन कोशिश करती हैं और न चाहते हुए भी अनचाहे रिश्ते में बंधी रहती हैं. चलिए जानते हैं इसके पांच बड़े कारण, जिनके चलते महिलाएं रिश्ते में समझौता (Compromise in Relationship) करने के लिए मजबूर हो जाती हैं.

1- असमंजस की स्थिति

पति द्वारा शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलने के बावजूद कई महिलाएं अपने रिश्ते को लेकर असमंजस की स्थिति में रहती हैं. कई बार महिलाएं अपने साथ होने वाले दुर्व्यवहार के लिए खुद को दोषी मानने लगती हैं, जिसके कारण उनके भीतर का आत्मसम्मान धीरे-धीरे कहीं खोने लगता है. रिश्ते में बने असमंजस की वजह से उन्हें ऐसा लगता है कि उनका जीवन अर्थहीन हो गया है, जिसके चलते वो न चाहते हुए भी रिश्ते में बनी रहती हैं. यह भी पढ़ें: रिलेशनशिप में लगभग हर कपल के साथ होती है ये 5 बातें, ऐसे करें इनका सामना

2- समाज वालों का डर

कई बार पति-पत्नी के बीच कड़वाहट और रिश्ता खोखला हो जाने के बावजूद महिलाएं अपने पति से अलग होने का फैसला नहीं ले पाती हैं. दरअसल, महिलाओं को लगता है कि अगर वो अपने रिश्ते से अलग हो जाएंगी तो समाज वाले क्या कहेंगे? महिलाओं की यह सोच उन्हें रिश्ते में बने रहने के लिए मजबूर करती है. इतना ही नहीं ये महिलाएं अपने साथ होने वाले दुर्व्यवहार के बारे में किसी से कुछ कहने से भी कतराती हैं.

3- बच्चों के भविष्य की चिंता

शादी के बाद पति-पत्नी जब बच्चे के पैरेंट्स बन जाते हैं तो बच्चे की अच्छी परवरिश की चिंता उन्हें सताती है. कई बार पति-पत्नी के आपसी झगड़े उनके बच्चों पर गलत प्रभाव डालते हैं. जब पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर अनबन होती है तो महिलाएं अपने बच्चे के भविष्य की चिंता में कोई भी कदम उठाने से डरती हैं. अपने बच्चे के सुनहरे भविष्य के लिए महिलाएं खुद के भविष्य को अंधकार में धकेल देती हैं.

4- परिवार वालों का दबाव

अरेंज मैरिज में जब पति-पत्नी के बीच नहीं बनती है और वो एक-दूसरे से अलग होने के बारे में सोचते हैं तो परिवार वालों के दबाव के आगे उन्हें झुकना पड़ता है. अगर कोई महिला अपने रिश्ते से खुश नहीं है और पार्टनर से अलग होना चाहती हैं, तो उनके परिवार वाले रिश्ते में बने रहने के लिए सलाह देते हैं. परिवार वाले समाज, बच्चों और समाज में इज्जत का हवाला देते हुए रिश्ता बचाने के लिए जोर देने लगते हैं. यह भी पढ़ें: रिलेशनशिप में जब होने लगे ये 5 बातें तो समझ लीजिए कि आप हो रहे हैं भावनात्मक शोषण के शिकार

5- आर्थिक स्थिति के चलते

नौकरीपेशा महिलाएं आर्थिक रूप से पति पर निर्भर नहीं रहती हैं, लेकिन जो हाउस वाइफ हैं वो पैसों के लिए पूरी तरह से अपने पति पर निर्भर रहती हैं. कई बार आर्थिक निर्भरता महिलाओं के रिश्ते में बने रहने की सबसे बड़ी मजबूरी बन जाती है. कई बार महिलाएं सोचती हैं कि अगर वो इस रिश्ते से अलग हो गई तों फिर उनका और उनके बच्चों का क्या होगा? इसलिए न चाहते हुए भी महिलाएं रिश्ते में बनी रहती हैं.

गौरतलब है कि ये 5 बड़ी वजहें महिलाओं को न चाहते हुए भी रिश्ते में बने रहने के लिए मजबूर करती हैं. इसके अलावा कई बार महिलाएं यह सोचकर रिश्ता निभाती हैं कि आज नहीं तो कल उनका पार्टनर सुधर जाएगा. उन्हें लगता है कि अगर वो अपने पार्टनर को छोड़कर चली गई तो उनका पार्टनर टूटकर बिखर जाएगा.