वाशिंगटन: अमेरिका में वीजा रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद 129 भारतीय छात्रों को हिरासत में लिया गया है. वहीं इस मामलें में भारतीय विदेश मंत्रालय भी सक्रिय हो गया है और पीड़ित छात्रों की मदद के लिए 24/7 हॉटलाइन शुरू किया है. भारतीय दूतावास ने छात्रों को क़ानूनी मदद मुहैया कराने के लिए अमेरिकी प्रशासन से अपील की है. दरअसल पकड़े गए छात्रों को इस फर्जीवाड़े के बारे में कुछ नहीं पता था. इसके बावजूद अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें जाल बिछाकर फंसाया.
जानकारी के मुताबिक, अमेरिका के आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग (आईसीई) ने करीब 600 प्रवासियों को अवैध तरीके से रहने में मदद पहुंचाने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से छह को डेट्रॉयट इलाके से जबकि अन्य दो को वर्जीनिया और फ्लोरिडा से गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए सभी लोग भारतीय नागरिक हैं या भारतीय अमेरिकी हैं.
वहीं इस फर्जीवाड़े ‘पे टू स्टे’ वीजा रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद भारतीयों समेत कई विदेशियों पर उनके देश वापस भेजे जाने की तलवार लटक रही है. आईसीई ने इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए विदेशी विद्यार्थियों को हिरासत में लेना शुरु कर दिया और उनके उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरु कर दी.
होमलैंड सुरक्षा के विशेष जांच एजेंट एक गुप्त अभियान के तहत डेट्रॉयट से यह विश्वविद्यालय चला रहे थे जिसकी साजिशकर्ताओं को भनक तक नहीं लगी. इस विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर खासकर दाखिलों के संदर्भ में डाली गयी सूचनाओं में काफी कुछ गड़बड़ था.