रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के नेतृत्व वाली कांग्रेस (Congress) सरकार के दो साल पूरे होने वाले है. वर्तमान सरकार साल 2018 में भारी जनादेश के साथ सत्ता में आयी. भूपेश बघेल ने "युवा राज्य" के मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार संभाला. साथ ही उन्होंने राज्य में औद्योगिक निवेश (Industrial Investment) को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए रोजगार (Employment) पैदा करने का संकल्प लिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में प्रगति के पथ पर तेजी से बढ़ रहा छत्तीसगढ़
लेबर इंटेंसिव सेक्टर में निवेश आकर्षित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में एक नई औद्योगिक नीति पेश की है. नई औद्योगिक नीति स्पंज आयरन और स्टील क्षेत्र की अल्ट्रा-मेगा परियोजनाओं में निवेश के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज प्रदान करती है. एक आधिकारिक बयान में दावा किया गया है कि राज्य में लगभग 27 लाख टन स्टील का उत्पादन किया गया, जो कि कोरोना महामारी के मद्देनजर लगाये गए लॉकडाउन के बावजूद भी देश में सबसे अधिक है.
वहीँ, सब्सिडी का दायरा स्पंज आयरन और स्टील क्षेत्र के उद्योगों के लिए 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 150 प्रतिशत कर दिया गया है. इस पहल के तहत अधिकतम 500 करोड़ रुपये (बस्तर के लिए 1,000 करोड़ रुपये) का निवेश प्रोत्साहन मान्य होगा. इसका लाभ उठाने के लिए प्रस्तावित इकाइयों को 31 अक्टूबर, 2024 तक उत्पादन शुरू करना होगा.
इसी तरह, उन नई इकाइयों को वित्तीय निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा, जिन्होंने स्थायी पूंजी निवेश कोष में 100 करोड़ रुपये का निवेश करने के बाद व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया है. साथ ही राज्य सरकार द्वारा सभी कोर सेक्टर के उद्योगों को भी सब्सिडी वाली बिजली की आपूर्ति के लिए योग्य बनाया गया है.
इथेनॉल-आधारित उद्योगों पर अधिक बल
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में इथेनॉल संयंत्र स्थापित करने के लिए केंद्र की मंजूरी लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इथेनॉल आधारित उद्योगों के लिए जोर इस वजह से अधिक दिया क्योंकि राज्य के किसानों से धान का उत्पादन जरुरत से कही जादा किया है. धान से इथेनॉल बनाया जा रहा है और उसका लाभ सीधे किसानों को दिया जा रहा है.
सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम
प्रदेश में व्यापार को आसान बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई वाली सरकार ने एक सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम शुरू किया. इस कदम से न केवल उद्यमियों को फायदा मिला बल्कि पारदर्शिता आने से सुशासन भी आया. सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम से निवेशक सशक्त बने, तेजी से B2G सूचना का प्रवाह हुआ साथ ही रियल टाइम B2G इंटरैक्शन और सक्षम हुआ. जबकि मंजूरी और प्रोत्साहन पाने के लिए आवेदन प्रक्रिया भी सरल बनी. पोर्टल निवेशकों को उनके पंजीकरण और भुगतान का ई-प्रमाण पत्र प्राप्त करने की अनुमति देता है, साथ ही उनके एप्लीकेशन और शिकायतों की वास्तविक अपडेट को भी ट्रैक करने की सुविधा देता है.
इन वजहों से भी छत्तीसगढ़ बना इन्वेस्टर-फ्रेंडली-
- कोयला सहित प्रचुर खनिज संपदा, जो औद्योगिक क्षेत्र के पॉवर के प्राथमिक स्रोत में से एक है.
- कुशल कार्यों की प्रचुरता राज्य में स्थित उद्योगों को मजबूती प्रदान करती है. छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में श्रमशक्ति पर्याप्त है.
- निर्बाध और गुणवत्ता बिजली की आपूर्ति छत्तीसगढ़ में औद्योगिक क्रांति लाने की दिशा में बड़ा आधार है.
उपरोक्त कारकों के अलावा, राज्य में एक स्थिर और दूरदर्शी नेतृत्व ने भी विकास को गति देने में अहम भूमिका निभाई है. 59 वर्षीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बार-बार दुहराया है कि उनका पहला लक्ष्य छत्तीसगढ़ में कृषि और औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत बनाना है.