इन सतहों से COVID-19 के संक्रमण का जोखिम सबसे अधिक, छूने से पहले रखें पूरा ख्याल
प्रतिकत्मिक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली: भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 36,469 नए मामले सामने आने के बाद पॉजिटिव मामलों की संख्या 79,46,429 हो गई है. जबकि 488 नई मौतों के साथ कोरोना के कारण कुल 1,19,502 लोगों की मौत हुई है. हालांकि 27,860 की गिरावट के साथ देश में सक्रिय मरीजों की संख्या 6,25,857 हो गई है. महज एक दिन में 63,842 संक्रमित स्वास्थ्य हुए है. Good News: भारत में 3 महीने में कोरोना के सबसे कम 36 हजार मामले दर्ज

हाल के कुछ रिसर्च में पता चला है कि ना केवल घर के बाहर बल्कि घर के अंदर भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा होता है. नए शोध और अध्ययनों में साबित हुआ है कि कोविड-19 एक सतह से दूसरी सतह पर बड़ी तेजी और आसानी से फैलता है. कोरोना काल में महामारी से बचने के लिए उचित सावधानियां बरतने की सलाह दी जा रही है. कई बार हम जाने अनजाने में संक्रामक सतहों को छू दे रहे है. सावधान! दिल्ली में फिर आ सकता है कोरोना का पीक, जानिए वजह

कुछ दिन पहले आये ऑस्ट्रेलियाई शोध ने यह साबित कर दिया कि वायरस की संक्रामकता के बारे में हम कितना कम जानते हैं. कोरोना वायरस मध्यम तापमान में भी कुछ सतहों पर कई दिनों और कई सप्ताह तक व्यक्ति को संक्रमित करने की क्षमता रखता है. एक नए अध्ययन के अनुसार, कुछ सतहें हैं जिनसे दूसरों की तुलना में अधिक कोविड फ़ैलाने का जोखिम होता हैं. इन सतहों को छूने से पहले बहुत सावधान रहें-

सार्वजनिक परिवहन

सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते समय कोरोना वायरस की चपेट में आने का जोखिम अधिक रहता है, जैसे महानगर में चलने वाली बसें या उड़ाने. भले ही सामाजिक दूर का पूरा ख्याल रखा जायें, लेकिन यात्रा करते समय उच्च-संपर्क सतहों को छूने पर रिस्क बरक़रार रहता है.

नोट (करेंसी)

एक शोध में खुलासा हुआ है कि नोट पर कोरोनो वायरस 20 डिग्री तापमान पर 28 दिनों तक पनपने की क्षमता रखता है. यहाँ तक की बैंक से निकले हुए नोट से भी ट्रांसमिशन का जोखिम अधिक होता है. क्योकि वहीँ एक ही नोट को पता नहीं कितने लोग छुते है. महामारी के दौरान प्लास्टिक के नोटों और कागजी नोटों के उपयोग के बदले बिना संपर्क के डिजिटल भुगतान का उपयोग करने की सलाह दी जाती रही है.

मोबाइल स्क्रीन

हमारे मोबाइल फोन का स्क्रीन भी इस घातक वायरस का बड़ा संक्रामक वाहक साबित हो सकता है. आमतौर पर लोग मोबाइल को हर जगह ले जाते है, और बिना हाथो को वायरस मुक्त किये ही मोबाइल फोन को उंगलियों से चलाते है. इसलिए हमें अपने फोन को उपयोग करने से पहले साथ को रोगाणुरहित करना जरुरी है. बाहर फोन को इस्तेमाल करने से पहले बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. संक्रमण का खतरा अन्य उपकरणों जैसे टैबलेट, कंप्यूटर और अन्य स्क्रीन वाले डिवाइस से भी होता है.

अस्पताल का प्रतीक्षालय

महामारी की शुरुआत से ही अस्पतालों में जगह-जगह साफ-सफाई का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. हालांकि, एक जगह ऐसी है जहाँ संक्रमण रोकने के तमाम उपायों के बाद भी जोखिम अधिक होता है- अस्पताल का प्रतीक्षालय. दरअसल यहां लोग आते जाते रहते है, ऐसे में इस जानलेवा वायरस की चपेट में आने की संभावना अधिक हो जाती है. संक्रमण का खतरा इसलिए भी जादा होता है, क्योकि इस स्थान पर मरीजो के परिजन आते है, जो संभवतः कोरोना संक्रमित हो और उनमें लक्षण नहीं हो. इसलिए, अभी किसी भी अस्पताल में जाना सुरक्षित नहीं कहा जा सकता है. यदि आप जाते है तो फेस मास्क, फेस शील्ड, सैनिटाइजर, दस्ताने का उपयोग जरुर करें.

एटीएम

रोजमर्रा के काम को पूरा करने के लिए पैसो की जरुरत पड़ती है और इसलिए एटीएम मशीन के इस्तेमाल से बचना बहुत मुश्किल है. हालांकि, कोरोना वायरस के लिहाज से एटीएम में सबसे खतरनाक होता है, उसका बटन. यह छोटे क्यूबिकल रोगाणु का अड्डा हो सकते हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान बंद वातावरण में रखे गए एटीएम के बटन, ग्लास स्क्रीन एक जोखिम भरा स्थान हो सकता है. अगर कोरोना से संक्रमित कोई व्यक्ति एटीएम के करीब खांसता है, तो उसकी छींटों से निकलने वाले वायरस बटन, ग्लास स्क्रीन पर फ़ैल जाते हैं. इसलिए जोखिम को कम करने के लिए ऑनलाइन लेनदेन का विकल्प चुना जा सकता है. यदि आप एक संक्रामक सतह के संपर्क में आते हैं, तो कीटाणुओं से खुद को बचाने के लिए हाथों को अच्छी तरह से साफ करें.