नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख की पूर्वी सीमा पर लगभग एक महीने से जारी तनाव को कम करने के लिए शनिवार यानि आज सैन्य कमांडर लेवल की मीटिंग खत्म हो गई है. 14 कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह (Harinder Singh) वापस लेह लौट रहे हैं. बता दें कि यह बैठक चशूल के सामने चीन की तरफ मोल्दो में हुई. भारतीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह-स्थित 14 कॉर्प के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, वहीं चीनियों का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने किया.
दोनों देश पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में विशेष रूप से पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर गतिरोध को हल करने के लिए बातचीत किए, जहां चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया है जो क्षेत्र अभी तक भारतीय नियंत्रण में हैं, वहां चीनी सैनिकों ने शिविर लगाकर यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया है.
Talks between military commanders of India and China in Moldo on the Chinese side of Line of Actual Control are over. The Indian delegation led by 14 Corps Commander Lt Gen Harinder Singh is returning to Leh: Indian Army Sources pic.twitter.com/G5sKaxxJm9
— ANI (@ANI) June 6, 2020
इससे पहले दोनों देशों के मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच दो जून को वार्ता हुई थी, जिसका कोई निर्णय नहीं निकल पाया था. पैंगोंग झील के फिंगर-4 क्षेत्र में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक डेरा डाले हुए हैं. पैंगोंग झील को आठ फिंगर क्षेत्रों के हिसाब से विभाजित किया गया है. झील के साथ पहाड़ियों के उभरे हुए हिस्से को ही फिंगर कहा जाता है. अब तक भारत एक से चार फिंगर के क्षेत्र को नियंत्रित करता रहा है और चीन फिंगर पांच से आठ के बीच के क्षेत्र को नियंत्रित करता है.
फिंगर-4 के पास एक भारतीय पोस्ट है. हालांकि भारत फिंगर-8 तक पूरे क्षेत्र पर अपना दावा करता है. फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच का क्षेत्र विवाद का विषय रहा है और यहीं पर अक्सर टकराव देखा गया है. पैंगोंग झील के पास पांच मई को कथित तौर पर झड़प हो गई थी, जिससे दोनों पक्षों के कई सैनिक घायल हो गए.