RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का बड़ा ऐलान- 4.4 फीसदी से घटकर रेपो रेट 4 प्रतिशत हुआ, EMI का बोझ होगा कम
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Photo Credit-ANI)

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) आज सुबह 10 बजे प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं. रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, कोरोना वायरस (Coronavirus) के वजह से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हुआ है. MPC ने रेपो रेट (Repo Rate)  में कटौती करने का फैसला किया है. रेपो रेट 4.4 फीसदी से घटकर 4 प्रतिशत हुआ. रिवर्स रेपो रेट घटकर 3.35 प्रतिशत हुई.  लॉकडाउन में यह दूसरी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट कम किया है. इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर ने 0.75 फीसदी कटौती का ऐलान किया था. इसके बार बैंकों ने लोन पर ब्‍याज दर कम कर दिया था. इससे आपकी EMI पहले के मुकाबले कम हो गई है.

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मांग में कमी के कारण निवेश में भी भारी कमी आई है. उन्होंने बताया कि अप्रैल में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 60 फीसद गिरा है. आरबीआई गवर्नर ने बताया कि एमसीपी के अनुसार दूसरी छमाही में महंगाई में कमी का अनुमान है. RBI गवर्नर ने बताया कि 3 से 5 जून को एमसीपी की बैठक होगी. उन्होंने बताया कि ग्राहकों को दरों में कटौती का फायदा मिलने में तेजी आई है.

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि साल 2021 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव रह सकती है. उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021 दूसरी तिमाही में सुधार आ सकता है. आरबीआई गवर्नर ने बताया कि अप्रैल में खाद्य महंगाई दर में तेज उछाल आया है. यह 8.6 फीसद रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की तारीफ और समीक्षा कर आरबीआई बताएगा कि इस कदम से बैंकों, आरबीआई और अर्थव्यवस्था को कितना फायदा होगा. इसके जरिए बाजार में सकारात्मक माहौल बनाने का प्रयास दिख सकता है.

वहीं ऐसा भी हो सकता है कि आरबीआई लोन के मोराटोरियम की अवधि तीन महीने के लिए बढ़ा दे. कर्ज अदायगी पर जारी ऋण स्थगन को और 3 महीने के लिए बढ़ा सकता है जिसके बाद ईएमआई 3 महीने के लिए और टल सकती है. फिलहाल मार्च से लेकर मई तक के लिए लोन के मोराटोरियम की सुविधा दी जा चुकी है.

बता दें कि देश में कोरोना वायरस के चलते दो महीने से लॉकडाउन चल रहा है. लॉकडाउन के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है. अर्थव्यवस्था को चलाने और लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कुल 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया जा चुका है जिसमें आरबीआई द्वारा पहले के उठाए गए कदम भी शामिल हैं.