UP Assembly Election 2022: 4 चरणों में चुनावी हिंसा के 1,137 मामले सामने आए
मतदाता | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo credits: PTI)

लखनऊ, 25 फरवरी : उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले चार चरणों के चुनाव में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के 1,137 मामले दर्ज किए हैं. डीजीपी मुख्यालय के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि चुनाव के दौरान अब तक हिंसा या झड़प की एक भी सूचना नहीं मिली है. यह पुलिस की अग्रिम तैयारियों और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती के कारण संभव हुआ है. चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के 51 मामलों के साथ मेरठ जिलों में सबसे ऊपर है, इसके बाद झांसी में 45 मामले हैं.

आयुक्तालयों में, लखनऊ 26 मामलों के साथ शीर्ष पर रहा और उसके बाद कानपुर में 20 मामले सामने आए. कानून व्यवस्था के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) प्रशांत कुमार ने कहा कि सभी 1,137 मामलों की सबूतों के आधार पर जांच की जाएगी. उन्होंने चौथे चरण में शांतिपूर्ण संचालन के लिए पहले से ही सतर्कता बनाए रखने के लिए सभी सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील और व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों की मैपिंग की एक महीने की अग्रिम योजना को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि चुनाव शुरू होने से पहले सभी जिला पुलिस प्रमुखों को कई दौर की ब्रीफिंग दी गई. प्रत्येक चरण के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी और केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था. यह भी पढ़ें : Hijab Controversy: कर्नाटक हाईकोर्ट ने वकील से शुक्रवार तक दलीलें पूरी करने को कहा

उन्होंने कहा कि हमने चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार ड्रोन का भी इस्तेमाल किया. चुनाव प्रचार के डिजिटल होने के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक 'डिजिटल निगरानी प्रकोष्ठ' भी शुरू किया था. सेल चौबीसों घंटे काम करता रहता है. इस प्रकोष्ठ में लगभग 31 पुलिसकर्मी हैं, जिसका नेतृत्व एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) रैंक के अधिकारी करते हैं और हाल ही में चुनाव से पहले 15 प्रशिक्षित कर्मियों को शामिल करके इसकी ताकत को बढ़ाया गया है, जिससे कुल कर्मचारियों की संख्या 46 हो गई है.