नई दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति मची उथल-पुथल के बीच एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) आज गुरुवार को दिल्ली में अहम बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में शरद पवार, उनकी बेटी सुप्रिया सुले (Supriya Sule) सहित कई दिग्गज शामिल होंगे जहां आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्यों कि एनसीपी में दो फाड़ के बाद पार्टी के नाम और घड़ी के निशान पर कब्जे की जंग और तेज हो गई है. पार्टी के नाम और सिंबल को लेकर अजित पवार ने दावा ठोका है. इस बैठक में शरद पवार बड़ा एक्शन ले सकते हैं. अजित पवार के खिलाफ बैठक में प्रस्ताव लाया जा सकता है. क्या एकनाथ शिंदे बने रहेंगे सीएम? बीजेपी ने कह दी ये बात.
इससे पहले अजित पवार को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया गया और शरद पवार को इस पद से हटाने की बात सामने आई. अजित पवार के दावों का शरद पवार कैसे जवाब देते हैं इसपर पूरे देश की नजर है. कल बुधवार को मुंबई में मीटिंग के दौरान भतीजे अजित पवार ने खुद को पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया था.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बैठक में बागी हुए भतीजे अजित पवार के खिलाफ प्रस्ताव लाया जा सकता है. जिस तरह से अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार को पार्टी अध्यक्ष से बेदखल किया है, वैसे ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अजित पवार को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.
अजित पवार ने पार्टी पर ठोका दावा
चाचा से बगावत के बाद अजित पवार ने पूरी पार्टी पर दावा ठोका है. अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग को जो चिट्ठी भेजी है, जिसमें दावा किया गया है कि 30 जून को NCP के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर प्रफुल्ल पटेल ने पार्टी की कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाई थी, जिसमें सर्वसम्मति से शरद पवार की जगह अजित पवार को NCP का अध्यक्ष चुना गया था. इलेक्शन कमीशन को भेजी गई चिट्ठी में अजित पवार के सपोर्ट में NCP के 53 में से 40 विधायकों के साइन हैं.