
Military Training In Schools: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के स्कूली शिक्षा में एक ऐतिहासिक और बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की है कि अब पहली कक्षा से ही विद्यार्थियों को मूलभूत सैन्य प्रशिक्षण (Basic Military Education and Training) दिया जाएगा. यह निर्णय राष्ट्रप्रेम की भावना को बचपन से ही विकसित करने और विद्यार्थियों में अनुशासन, नेतृत्व और शारीरिक फिटनेस की आदत डालने के उद्देश्य से लिया गया है. इसकी घोषणा राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने की है.
इसके बाद अगर राज्य की स्कूलों में छात्रों को पहली क्लास से ही मिलिट्री प्रशिक्षण दिया जाएगा तो निश्चित ही उनका शारीरिक विकास होगा. ये भी पढ़े:Maharashtra RTE Admission 2025-26: महाराष्ट्र के स्कूलों में आरटीई एडमिशन के लिए आज आखिरी तारीख, student.maharashtra.gov.in पर जल्द करें आवेदन
शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने की घोषणा
राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने नासिक में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान इस योजना की घोषणा की. उन्होंने बताया कि इस सैन्य प्रशिक्षण के तहत विद्यार्थियों को देशप्रेम, शारीरिक व्यायाम और शिस्त का महत्व सिखाया जाएगा. यह प्रशिक्षण कक्षा 1 से ही शुरू किया जाएगा, ताकि इन मूल्यों की नींव कम उम्र में ही डाली जा सके.शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन में राज्य के 2.5 लाख से अधिक पूर्व सैनिक, एनसीसी कैडेट्स, स्पोर्ट्स टीचर्स और स्काउट-गाइड्स की सहायता ली जाएगी. ये सभी प्रशिक्षक विद्यार्थियों को सैन्य अनुशासन, परेड, फिटनेस और अन्य मूलभूत सैन्य विषयों में प्रशिक्षित करेंगे.
सिंगापुर से मिली प्रेरणा
इस योजना की प्रेरणा सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली से ली गई है. हाल ही में राज्य सरकार ने जिला परिषद के 48 शिक्षकों को सिंगापुर के अध्ययन दौरे पर भेजा था, जहां उन्होंने देखा कि वहां 'राष्ट्र प्रथम' की भावना को शिक्षा के केंद्र में रखा गया है. इसी विचार को महाराष्ट्र में भी लागू करने की पहल की जा रही है.
विद्यार्थियों के लिए हेल्थ कार्ड भी होगा तैयार
राज्य सरकार ने विद्यार्थियों के शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है. इसके तहत प्रत्येक विद्यार्थी का हेल्थ चेकअप किया जाएगा और उनका हेल्थ कार्ड तैयार किया जाएगा, जिससे उनकी फिटनेस और स्वास्थ्य की निगरानी की जा सकेगी.
सीएम फडणवीस सकारात्मक
शिक्षा मंत्री दादा भुसे के अनुसार, इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.सरकार को विश्वास है कि यह कदम विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और उनमें राष्ट्रभक्ति, शारीरिक मजबूती व आत्मअनुशासन को प्रोत्साहित करेगा.