नई दिल्ली:- सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के नेता और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah ) पर लगे सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम ( Public Safety Act ) के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट द्वारा दायर याचिका पर आज सुनवाई होगी. सारा अब्दुल्ला पायलट ने उमर अब्दुल्ला को पांच फरवरी को पीएसए के अंतर्गत रखने के आदेश को असंवैधानिक बताया और कहा था कि यह मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है. जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिग्गज वकील कपिल सिब्बल ने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की थी.
बता दें कि सारा अब्दुल्ला पायलट ने कहा है कि प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि संविधान के अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के खिलाफ विरोध को दबाया जा सके, गलत तरीके से दंड प्रक्रिया संहिता का इस्तेमाल कर राजनीतिक नेताओं और लोगों को हिरासत में रखा है. उमर अब्दुल्ला पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद से श्रीनगर के हरि निवास में हिरासत में हैं. उमर अब्दुल्ला के खिलाफ छह फरवरी 2020 को पीएसए के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था, जब छह महीने हिरासत में रहने के बाद वह रिहा होने वाले थे.
SC to hear petition challenging Omar Abdullah's detention under PSA today
Read @ANI Story | https://t.co/WK7e3aDzoU pic.twitter.com/AslV2gGx9V
— ANI Digital (@ani_digital) February 12, 2020
उमर अब्दुल्ला के आलावा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (Peoples Democratic Party) की नेता महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री मोहम्मद सागर, पीडीपी के नेता सरताज मदनी पर भी सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम ( Public Safety Act ) के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह भी पढ़ें:- जम्मू-कश्मीर: उमर अब्दुल्ला-महबूबा मुफ्ती पर पीएसए लगा, जानें क्या है PSA
गौरतलब हो कि दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने साल 1978 में पब्लिक सेफ्टी एक्ट को जम्मू-कश्मीर में लकड़ी की तस्करी को रोकने के लिए लागू किया था. इस कानून के लागू होने के बाद दो साल तक किसी तरह की सुनवाई नहीं हो सकती है. लेकिन इस दरम्यान रिव्यू बोर्ड एडवायजरी करती है. जिसके बाद उल्लंघनकर्त्ताओं की सजा तय होती है. पब्लिक सेफ्टी एक्ट डिवीजनल कमिश्नर या डिप्टी कमिश्नर द्वारा आदेश पर जारी कर सकते हैं.