जम्मू और कश्मीर (Jammu & Kashmir) में नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah ) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (Peoples Democratic Party) की नेता महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम ( Public Safety Act ) के तहत मामला दर्ज किया गया है. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही दोनों पूर्व मुख्यमंत्री को नजरबंद किया गया है. उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद हुए तकरीबन 6 महीने हो गया है. उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को पुलिस की मौजूदगी में मजिस्ट्रेट ने उस बंगले में जाकर महबूबा को आदेश सौंपा जहां उन्हें नजरबंद रखा गया है.
बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री मोहम्मद सागर को प्रशासन ने पीएसए नोटिस थमाया. शहर के कारोबारी इलाके में सागर का मजबूत आधार माना जाता है. इसी प्रकार पीडीपी के नेता सरताज मदनी के खिलाफ भी पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है. सरताज मदनी महबूबा मुफ्ती के मामा हैं. जम्मू कश्मीर में हालात सुधरने के बाद कई नेताओं को रिहा किया गया है. बुधवार को सज्जाद लोन और वहीद पारा को रिहा किया है.
जानें क्या होता पब्लिक सेफ्टी एक्ट ( PSA)
दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने साल 1978 में पब्लिक सेफ्टी एक्ट को जम्मू-कश्मीर में लकड़ी की तस्करी को रोकने के लिए लागू किया गया था. इस कानून के लागू होने के बाद दो साल तक किसी तरह की सुनवाई नहीं हो सकती है. लेकिन इस दरम्यान रिव्यू बोर्ड एडवायजरी करती है. जिसके बाद उल्लंघनकर्त्ताओं की सजा तय होती है. पब्लिक सेफ्टी एक्ट डिवीजनल कमिश्नर या डिप्टी कमिश्नर द्वारा आदेश जारी कर सकते हैं. पब्लिक सेफ्टी एक्ट प्रयोग जम्मू कश्मीर में दहशत फैलाने वाले आतंकवादियों, अलगाववादियों और पत्थरबाजों के खिलाफ किया जाता रहा है. आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद 550 लोगों पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट लगाया था.