Lok Sabha Speaker Election: शर्तों के आधार पर लोकतंत्र चलाना चाहता है विपक्ष; स्पीकर पद के लिए आम सहमति नहीं बनने पर बोले NDA के नेता- VIDEO
Photo- ANI

Lok Sabha Speaker Election: 18वीं लोकसभा के नए अध्यक्ष के लिए एनडीए (NDA) ने ओम बिरला और इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) ने के. सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया है. दोनों तरफ से नामांकन दाखिल कर दिया गया है और चुनाव बुधवार यानी 26 जून को होगा. इंडिया ब्लॉक द्वारा के सुरेश को लोकसभा पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर पर एनडीए नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष का कहना है कि पहले डिप्टी स्पीकर के लिए नाम तय करें फिर हम स्पीकर उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. हम ऐसी राजनीति की निंदा करते हैं. एक अच्छी परंपरा होती कि स्पीकर को सर्वसम्मति से चुना जाता. स्पीकर किसी पार्टी या विपक्ष का नहीं, बल्कि वह पूरे सदन का होता है.

''इसी तरह डिप्टी स्पीकर भी किसी पार्टी या समूह का नहीं होता, वह पूरे सदन का होता है. इसलिए सदन की सहमति होनी चाहिए. ऐसी शर्तें कि केवल एक विशेष व्यक्ति या एक विशेष पार्टी से ही डिप्टी स्पीकर होना चाहिए, लोकसभा की किसी भी परंपरा में फिट नहीं बैठती हैं.''

ये भी पढ़ें: Lok Sabha Speaker Election: लोकसभा अध्यक्ष पर NDA से विपक्ष की नहीं बनी बात, ओम बिरला के बाद इंडिया ब्लॉक ने के. सुरेश को मैदान में उतारा

स्पीकर किसी पार्टी या विपक्ष का नहीं होता: पीयूष गोयल

शर्तों के आधार पर लोकतंत्र चलाना चाहता है विपक्ष: ललन सिंह

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा कि स्पीकर और डिप्टी स्पीकर की स्थिति पर बात करने के लिए केसी वेणुगोपाल और टीआर बालू आए थे. उन्होंने रक्षा मंत्री से बात की. रक्षा मंत्री ने एनडीए की तरफ से लोकसभा स्पीकर उम्मीदवार के बारे में जानकारी दी और समर्थन मांगा. वेणुगोपाल ने कहा कि डिप्टी स्पीकर का नाम स्वीकार किया जाना चाहिए. रक्षा मंत्री ने कहा कि जब चुनाव आएगा, तो हम मिल बैठकर चर्चा करेंगे. वे अपनी शर्त पर अड़े रहे. वो शर्तों के आधार पर लोकतंत्र चलाना चाहते हैं, दबाव की राजनीति करना चाहते हैं. जबकि लोकतंत्र में ये सब नहीं चलता है.

स्पीकर का पद पूरे सदन के लिए होता है: चिराग पासवान

इसी मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि ये किसी पक्ष का चुनाव नहीं होता, स्पीकर का पद पूरे सदन के लिए होता है. जिस तरीके से विपक्ष की इस बार भूमिका रही है और शर्तों के साथ जिस तरीके से विपक्ष सामने आया है कि डिप्टी स्पीकर का पद पर सहमति करें. हम सब उस पर चर्चा के लिए तैयार थे, लेकिन उसके बावजूद उस पर अड़ना मुझे नहीं लगता कि ये उचित है. फिलहाल जीत सुनिश्चित है, उसमें कहीं कोई शंका की बात नहीं है.