मुंबई: महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान (Maharashtra Politics) के बीच रविवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray) ने बड़ा दावा किया है. खबर के अनुसार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यह दावा किया है कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) (RSS) ने उनसे संपर्क साधा है, लेकिन उन्होंने बीजेपी (BJP) के साथ फिर से हाथ मिलाने के मसले पर बातचीत से इंकार करते हुए कहा है कि अब बहुत देर हो चुकी है. वहीं सूत्रों के अनुसार, उधर उद्धव ठाकरे के इस बयान पर आरएसएस से जुड़े लोगों का कहना है कि आरएसएस ने सिर्फ यह कहा था कि अगर शिवसेना-बीजेपी (Shiv Sena-BJP) मिलकर सरकार बनाएंगी तो हमें खुशी होगी, लेकिन जब से शिवसेना ने कांग्रेस से बात की तबसे आरएसएस ने इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई है.
बताया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने यह दावा उस समय किया जब वो मुंबई के ललित होटल में अपने विधायकों को संबोधित कर रहे थे. अपने विधायकों को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि आरएसएस ने बीजेपी के साथ फिर से हाथ मिलाने के लिए शिवसेना से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने आरएसएस को जवाब दिया कि अब बीजेपी के बारे में सोच-विचार करने का समय निकल चुका है.
उद्धव ठाकरे का बड़ा दावा-
#NewsAlert – Uddhav Thackeray while addressing Shiv Sena MLAs: RSS is contacting us again, but it is too late now. We need not worry as Sharad Pawar is standing firmly with us. All three of us are fighting this together: Sources #MahaPoliticalTwist pic.twitter.com/yIJG4oQYRX
— News18 (@CNNnews18) November 24, 2019
विधायकों को संबोधित करते हुए उद्धव ने यह भी कहा कि हमें शरद पवार पर भरोसा है और शरद पवार को भी हम पर भरोसा है. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी हमारे साथ है और शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस मिलकर ये लड़ाई जीतेंगे. यह भी पढ़ें: विधायकों के साथ बैठक के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बोले- बदल गए हालात, लेकिन गठबंधन नहीं होगा प्रभावित, सच होगा हमारा सपना
बता दें कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस में उस वक्त भूचाल आ गया, जब शनिवार की सुबह साढ़े सात बजे के करीब बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और एनसीपी से अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. अजित पवार द्वारा बीजेपी को समर्थन दिए जाने से एनसीपी प्रमुख शरद पवार नाराज हो गए और उन्होंने कहा था कि बीजेपी को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला व्यक्तिगत है. इससे एनसीपी का कोई लेना देना नहीं है और बाद में उन्हें एनसीपी के विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया.