गाजा में इस्राएल का बढ़ता बफर जोन बना फलीस्तीनियों के लिए नई मुसीबत
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

इस्राएल गाजा पट्टी के इलाके पर अपनी पकड़ लगातार मजबूत कर रहा है. इसकी वजह से, गाजा में रहने वाले करीब 23 लाख लोगों में से अधिकांश लोग लगातार सिकुड़ते क्षेत्र में सिमट रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर बमबारी भी लगातार जारी है.शनिवार, 12 अप्रैल को इस्राएल के रक्षा मंत्री इस्राएल कात्स ने कहा कि इस्राएली सुरक्षा बलों (आईडीएफ) ने दक्षिणी गाजा पट्टी में बड़े भूभाग पर नियंत्रण कर लिया है. कात्स ने एक बयान में कहा, "आईडीएफ ने अब मोराग ऐक्सिस पर नियंत्रण कर लिया है, जो गाजा में राफा और खान यूनिस के बीच से होकर गुजरता है. इससे फिलाडेल्फिया एक्सिस और मोराग के बीच का पूरा क्षेत्र इस्राएली सुरक्षा क्षेत्र का हिस्सा बन गया है.”

सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि ‘गाजा छोटा और अधिक अलग-थलग हो जाएगा. इससे यहां रहने वाले ज्यादा से ज्यादा लोगों को युद्ध क्षेत्रों से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.' इसके अलावा, उन्होंने ‘युद्ध रोकने के लिए' फलीस्तीनियों से ‘हमास को हटाने' का आग्रह किया.

इस्राएली सरकार ने हमले बढ़ाने और गाजा के बड़े हिस्से को अपने नियंत्रण में लेने की शपथ ली थी, ताकि हमास पर दबाव बनाया जा सके और वह शेष 59 बंधकों को रिहा कर दे जिनमें से 24 के जीवित होने का अनुमान है. साथ ही, हमास युद्ध विराम की नई शर्तें स्वीकार कर ले. हमास को कई देशों ने आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है.

आम नागरिक चुका रहे हैं कीमत

गाजा के आम नागरिक इस युद्ध की कीमत चुका रहे हैं. युद्ध से पहले, गाजा पट्टी के दक्षिणी छोर पर राफा गवर्नरेट में करीब 2 लाख लोग रहते थे.

जब जनवरी में अस्थायी युद्ध विराम लागू हुआ, तब अब्दुल रहमान ताहा राफा वापस लौटे. उन्होंने देखा कि ‘घर का एक छोटा हिस्सा ही बाकी बचा है.' परिवार अपने पुराने घर के खंडहरों में रहा. अप्रैल की शुरुआत में, इस्राएली सेना ने वहां रह रहे लोगों को दूसरी जगहों पर जाने का आदेश जारी किया. इसके बाद, ताहा और उनके परिवार को एक बार फिर से घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.

इस्राएल के हमलों में 400 से ज्यादा की मौत

ताहा अब खान यूनिस में एक टेंट में पहले से ज्यादा मुश्किल हालात में जिंदगी जी रहे हैं. वह कहते हैं, "राफा लगभग पूरी तरह नष्ट हो चुका है. बहुत कम घर बचे हैं. सड़कें पहले से ही खंडहर हो चुकी हैं और उन्हें फिर से बनाना होगा. अब वे अपना काम पूरा करने जा रहे हैं और जो बचा है उसे भी नष्ट कर देंगे.”

मार्च की शुरुआत में युद्ध विराम का पहला चरण पूरा होने के बाद, इस्राएली सरकार ने गाजा भेजे जाने वाले ईंधन, भोजन, वाणिज्यिक और मानवीय सहायता सहित सभी आपूर्ति रोक दी. संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को चेतावनी दी कि, ‘मानवीय स्थिति अब पिछले 18 महीनों में संघर्ष शुरू होने के बाद से सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई है.”

अबू ताहा ने कहा, "जैसे ही हमने सोचा कि युद्ध खत्म हो गया है, फिर से बमबारी शुरू हो गई. 24 घंटे खून बह रहा है. हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं. आंतरिक सुरक्षा की स्थिति बिगड़ने लगी है. यह एक भयावह स्थिति है.”

इस्राएल ने गाजा में रोकी राहत सामग्री की सप्लाई

मोराग कॉरीडोर

51 साल के फलीस्तीन ताहा को चिंता सता रही है कि अब उनका गृह नगर ‘सुरक्षा क्षेत्र' का हिस्सा बन गया है. नव-निर्मित मोराग कॉरिडोर पूर्व से पश्चिम तक लगभग 12 किलोमीटर लंबा एक जमीनी गलियारा है, जो राफा को पड़ोसी खान यूनिस और मिस्र के साथ इसकी सीमा से अलग करता है.

इसका नाम एक पूर्व इस्राएली बस्ती के नाम पर रखा गया है, जिसे 2005 में ध्वस्त कर दिया गया था. ऐसा ही एक और रास्ता है नेटजारिम कॉरिडोर, जो मध्य गाजा में है और दक्षिणी गाजा को उत्तरी गाजा से अलग करता है. आईडीएफ चेकपॉइंट की मदद से दोनों क्षेत्रों के बीच आवाजाही को नियंत्रित करता है. युद्ध विराम के दौरान सेना ने इस क्षेत्र को छोड़ दिया था, लेकिन मार्च में फिर से यहां सेना की तैनाती की गई है.

अबू ताहा को लगता है कि इस्राएल का मकसद ‘लोगों को डराना और राजनीतिक दबाव बनाना' है, ना कि उन्हें हमेशा के लिए उनके घर लौटने से रोकना. हालांकि उन्होंने कहा, "समस्या यह है कि अब पूरे गाजा का भविष्य ही अनिश्चित हो गया है.”

इस्राएली सरकार ने गाजा में भविष्य की किसी योजना को साझा नहीं किया है. उसने अपने कदमों को हमास पर अधिकतम दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा बताया है.

वहीं, मानवाधिकार समूहों का कहना है कि इस्राएली सरकार गाजा पट्टी को गलियारों के जरिए अलग-अलग हिस्सों में बांटकर और इस्राएल के साथ गाजा के सीमा क्षेत्र में मौजूदा बफर जोन का विस्तार करके लंबे समय तक सैन्य नियंत्रण बनाए रखना चाहती है.

फिर से विस्थापित होने को मजबूर हुए स्थानीय लोग

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय विभाग (यूएनओसीएचए) के मुताबिक, अबू ताहा उन 4 लाख लोगों में से एक हैं जो हाल ही में हुए हमले के कारण विस्थापित हुए हैं. जनवरी में युद्ध विराम के दौरान लाखों विस्थापित लोग दक्षिण से उत्तर की ओर लौट रहे थे. वहीं, अब इस्राएली सेना कई लोगों को पश्चिम की ओर जाने के लिए कह रही है.

यूएनओसीएचए के मुताबिक, लगभग 70 फीसदी क्षेत्र को ‘विस्थापन आदेश' के अंतर्गत रखा गया है या फिर इसे ‘नो गो जोन' घोषित किया गया है. इस्राएली अधिकारियों ने शर्त रखी है कि मानवीय सहायता टीमों को वहां आने-जाने से पहले अनुमति लेनी होगी.

इस्राएली सेना बार-बार यह दावा कर रही है कि नागरिकों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उन्हें वहां से हटाया जा रहा है. साथ ही उनका कहना है, सेना ने कुछ ऐसे इलाकों को निशाना बनाया है जहां से हाल ही में फलीस्तीन आतंकवादियों ने इस्राएल में रॉकेट दागे हैं.

रक्षा मंत्री कात्स ने पिछले सप्ताह के आखिर में दोहराया कि ‘जो भी इच्छुक हैं' उन्हें दूसरे देशों में ‘स्वेच्छा से जाने' की अनुमति दी जाएगी. यह बात उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की उस विवादास्पद ‘पुनर्वास योजना' के संदर्भ में कही जिसके तहत गाजा के सभी 23 लाख लोगों को वहां से हटाने की बात कही जाती है. इस योजना को संयुक्त राष्ट्र जबरन विस्थापन मानता है.

गांव और खेती की जमीन एक जैसी हो गई

इलाके को विभाजित करने और लोगों को हटाने के साथ-साथ, इस्राएल ने गाजा के अंदर पहले से मौजूद बफर जोन को भी धीरे-धीरे बढ़ा दिया है. यह उत्तर में इस्राएल की पूर्वी सीमा से लेकर दक्षिण में मिस्र की सीमा तक फैला हुआ है.

‘ब्रेकिंग द साइलेंस' संगठन इस्राएली नियंत्रण वाले फलीस्तीनी इलाकों में सेवा दे चुके इस्राएली सैनिकों से जानकारी जुटाता है. इसने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में बफर जोन में घरों, बुनियादी ढांचों और खेतों की योजनाबद्ध तरीके से की गई तबाही का ब्योरा दिया गया है. संगठन का कहना है कि यह इलाका फलीस्तीनियों के लिए लगभग पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.

ब्रेकिंग द साइलेंस के कार्यकारी निदेशक नदाव वाईमान ने कहा, "हमने सब कुछ नष्ट कर दिया: खेत, कब्रिस्तान, औद्योगिक क्षेत्र, घर, सब कुछ. आईडीएफ को लगता है कि इससे उन्हें अधिक सुरक्षा मिलेगी. जब उनसे पूछा गया कि ऐसा क्यों लगता है? उनका जवाब था कि इससे हम हमास या इस्लामिक जिहाद के लोगों को अपनी ओर आते देख सकते हैं.”

अब जो जमीन बफर जोन में शामिल कर ली गई है उसका बड़ा हिस्सा पहले खेती के लिए इस्तेमाल होता था. इससे यह सवाल उठता है कि लंबी अवधि में क्या असर होगा और क्या गाजा दोबारा अपना कुछ खाना खुद उगाने लायक बन पाएगा.

ब्रेकिंग द साइलेंस के अनुमानों के अनुसार, बफर जोन कुछ इलाकों में 2.5 किलोमीटर तक चौड़ा है, जो पूर्वी गाजा शहर के शेजैया जैसे शहरी इलाकों तक पहुंचता है.

लामिया बहतीती भारी गोलीबारी और बमबारी की आवाज के बीच पिछले सप्ताह शेजैया से दूसरी जगह पर चली गईं. 43 वर्षीय बहतीती का परिवार अब रिश्तेदारों के साथ पश्चिमी गाजा शहर में रह रहा है. यहां से उन्होंने फोन पर डीडब्ल्यू को बताया, "सीमा के पास के सभी इलाके, उत्तर, दक्षिण और पूर्व पर नियंत्रण कर लिया गया है और वहां तोपों से गोले बरसाए जा रहे हैं. गाजा पट्टी के अंदर के सभी इलाके हवाई हमलों की चपेट में हैं. कहीं भी भागने का रास्ता नहीं है.”

बहतीती को अपने परिवार का भरण-पोषण करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वह कहती हैं, "बाजार में सफाई का सामान नहीं है, पीने का पानी नहीं है, पर्याप्त भोजन नहीं है, गैस नहीं है और स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति बहुत खराब है. गाजा अब वह गाजा नहीं रहा जो पहले हुआ करता था. हम अपने बच्चों की खातिर और बेहतर भविष्य की उम्मीद में किसी तरह जीवित रहने की कोशिश कर रहे हैं.”