नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप राज्यपाल अनिल बैजल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में अपनी तीन मांगों को मनवाने के लिए केजरीवाल एलजी के दफ्तर पर ही धरने पर बैठ गए हैं. केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दो अन्य मंत्री गोपाल राय तथा सत्येंद्र जैन अपनी मांगों को लेकर सोमवार शाम से उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में बैठे हैं. केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने आईएएस अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने का निर्देश देने और ‘चार महीनों’ से कामकाज रोक कर रखे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने सहित तीन मांगें की है.
दिल्ली के सीएम ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, वे वहां से नहीं हटेंगे. देर रात तक सभी राज निवास के अंदर ही बैठे हुए थे. केजरीवाल ने राज निवास से ट्वीट किया कि हमने एलजी को एक पत्र सौंपा लेकिन उन्होंने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया.
Many officers have told us that they have been threatened by Raj Niwas of dire consequences if they withdrew their strike. LG promoting active rebellion against elected govt at PMO’s instance. People of Del will not tolerate this. https://t.co/9O2vEhMZTp
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 11, 2018
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि उनके पास सीबीआई (CBI), पुलिस, ईडी (ED), आईटी, आईएएस, एसीबी- सब कुछ है. फिर वो इतना घबराए क्यों हैं? हमारे साथ सत्य है, आत्मबल है. इसीलिए चेहरों पर सुकून और मुस्कान है. सत्य में बड़ी ताक़त होती है.
उनके पास CBI, पुलिस, ED, IT, IAS, ACB - सब कुछ है। फिर वो इतना घबराए क्यों हैं?
हमारे साथ सत्य है, आत्मबल है। इसीलिए चेहरों पर सुकून और मुस्कान है। सत्य में बड़ी ताक़त होती है https://t.co/YFf2RPEq4J
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 12, 2018
इसके बाद मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि हमारी तीन मांगें हैं.
जनता के 1200 करोड़ रु. सिग्नेचर ब्रिज पर खर्च हो चुके हैं लेकिन अभी तक जनता को पुल नहीं मिला। कोर्ट के आदेश पर मैं साईट विज़िट पर गया लेकिन IAS अधिकारी नहीं आए। बोले एलजी ने आने से मना किया है।
अब वो फाइलें दबाकर बैठे हैं। काम आगे नही होने दे रहे। आप कहते हो काम तो हो रहा है? https://t.co/qNAX6e40mX
— Manish Sisodia (@msisodia) June 12, 2018
एक, चार महीने से जारी अधिकारियों की गैरकानूनी हड़ताल तुरंत खत्म कराई जाए. दूसरी, काम नहीं करने और रोकने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और तीसरी राशन की डोर टू डोर डिलीवरी योजना को मंजूरी दी जाए.