लखनऊ, 24 नवंबर: 2017 का एक वीडियो क्लिप एक बार फिर से ट्रेंड कर रहा है, जिसमें समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) खुद को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए मुख्य चुनौती के रूप में पेश कर रही है. 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी में भड़की अंदरूनी कलह को उजागर करने वाला वीडियो अब उत्तर प्रदेश भाजपा द्वारा ट्वीट किया जा रहा है. आरएलडी के लिए 36 सीटों पर अखिलेश यादव राजी, 6 सीटों पर होंगे सपा के उम्मीदवार
1.5 मिनट के वीडियो, जिसका शीर्षक 'ऐसा कोई सगा नहीं जिसे अखिलेश ने ठगा नहीं', में अखिलेश को सबसे शक्तिशाली सपा नेता के रूप में दिखाया गया है, जिसे विरासत में सत्ता और पद मिला है. वीडियो में कथित तौर पर सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक क्लिप शामिल है, जिसे मुलायम ने 24 अक्टूबर, 2016 को पार्टी के भीतर युद्धरत गुटों को एक मंच पर लाने के लिए बुलाया था.
वीडियो में 15 सेकंड के एक शॉट में दिखाया गया है कि नाराज अखिलेश मुलायम से माइक्रोफोन छीन रहे हैं, जबकि पार्टी एमएलसी आशु मलिक उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे हैं. इसके बाद बैकग्राउंड में एक आवाज आती है "जिन अखिलेश जी को उनके पिता ने सत्ता दिलवाई थी उनके ही साथ उन्होंने ये दुर्व्यव्हार किया."इस घटना के कारण शिवपाल यादव ने अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया बनाने के साथ पार्टी में एक लंबवत विभाजन कर दिया था. शिवपाल और अखिलेश के बीच अनबन आज भी जारी है.
जो अखिलेश यादव अपने परिवार के सगे नहीं हुए
उनसे जनता क्या उम्मीद करेगी कि वो लोगों का भला करेंगे
उनके लिए तो एक ही बात कही जा सकती है
बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया pic.twitter.com/GFLjSkNnJV
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) November 23, 2021
समाजवादी पार्टी (सपा) के एमएलसी उदयवीर सिंह ने कहा कि वीडियो अखिलेश की छवि खराब करने और अपनी विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए भाजपा द्वारा एक कपटपूर्ण प्रयास है. भाजपा चिंतित हो रही है और आगामी विधानसभा चुनावों में एक अपरिहार्य हार को देख रही है. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी खुद अपने शीर्ष रैंकों के बीच दरार देख रही है. इसलिए वह सपा और उसके नेतृत्व के खिलाफ तुच्छ सामग्री बेच रही है.