पटना: बिहार (Bihar) में एक बार फिर एनडीए (NDA) की सरकार बनने जा रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो एनडीए के खाते में 125 सीटें आई हैं, जबकि महागठबंधन (Mahagathbandhan) 110 सीटों पर कब्जा कर पाया. तमाम एग्जिट पोल को पछाड़ते हुए एनडीए ने जीत दर्ज की और अपने दम पर बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया. कांटे की इस लड़ाई में महागठंधन शुरुआत में आगे चल रहा था लेकिन बाद में NDA रोमांचक जीत हासिल करने में सफल रहा. एनडीए की जीत का क्रेडिट बीजेपी को जाता है, जिसने JDU से ज्यादा सीट हासिल की.
बिहार चुनाव में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू चला. पीएम मोदी की अगुवाई में बीजेपी ने शानदार नंबर हासिल किए, जिससे बिहार में एनडीए की जीत हुई. निश्चित तौर पर बिहार में सत्ता विरोधी लहर थी, और विपक्षियों की रणनीति भी मजबूत थी, लेकिन इन सब के बावजूद जो जीता वही सिकंदर यानी नीतीश कुमार. Bihar Elections Results 2020: पूर्ण बहुमत मिलने के बाद प्रकाश जावड़ेकर बोले- बिहार में बहार है, NDA का कमाल है.
इस जीत के चार बड़े कारण हम यहां आपको बता रहे हैं, जिनके दम पर नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता की कुर्सी पर बैठेंगे.
BJP का साथ
नीतीश कुमार की जीत में सबसे बड़ा हाथ बीजेपी का है. सत्ता विरोधी लहर JDU उम्मीदवारों को डूबा गई लेकिन बीजेपी इससे अछूती रही. बीजेपी ने जहां कम सीटों पर लड़ने के बावजूद 74 सीटों पर जीत दर्ज की तो वहीं JDU मात्र 43 सीटें अपने खाते में डाल पाई. नीतीश कुमार की सत्ता विरोधी लहर और 10 लाख नौकरी के वादे के बाद भी क्यों लगा तेजस्वी यादव को झटका.
पीएम मोदी की लोकप्रियता
पीएम मोदी की लोकप्रियता का डंका बिहार चुनाव में भी बजा. इस लोकप्रियता के आगे सत्ता विरोधी लहर और विपक्ष का दम सब फीका रह गया. बिहार चुनाव में पीएम मोदी की एंट्री से बिहार की सियासी हवा का रूख बदल गया. पीएम मोदी ने अकेले दम पर एनडीए के प्रचार को आगे बढ़ाया. पीएम मोदी की लोकप्रियता और केंद्र की योजनाओं के बल पर NDA ने बहुमत हासिल किया.
महिलाओं का भरोसा
नीतीश कुमार की जीत में महिला वोटर्स ने अहम रोल निभाया. बिहार में महिलाओं ने साइलेंट तरीके से नीतीश कुमार के पक्ष में वोट किए. महिलाओं के लिए लागू की गई केंद्र की योजनाओं का असर 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद इस बार विधानसभा चुनाव में भी दिखा.
नीतीश कुमार द्वारा की गई शराबबंदी को हमेशा से महिलाओं का सपोर्ट रहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना, शौचालय निर्माण, पक्का घर, महिलाओं को आर्थिक मदद जैसी कई योजनाओं से महिलाएं खुश हैं.
नौकरी नहीं रोजगार
बिहार चुनाव में बेरोजगारी का मुद्दा खूब उठा. तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरी देने की बात कही लेकिन NDA ने विपक्ष के इस हथियार का सही तोड़ निकाला. तेजस्वी के वादे पर पलटवार करते हुए NDA ने नौकरी नहीं रोजगार देने की बात कही. सीएम नीतीश कुमार से लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मुद्दे को सही दिशा में मोड़ा. NDA स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने की बात कहती रही जिसका तोड़ महागठबंधन नहीं निकाल पाया.