पीएम मोदी मंगलवार को 'मिशन मौसम' करेंगे लॉन्च, वायु गुणवत्ता संबंधी आंकड़े एकत्रित करने में मिलेगी मदद

नई दिल्ली, 13 जनवरी : प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार को कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर ‘मिशन मौसम’ को लॉन्च करेंगे. मिशन मौसम का उद्देश्य अत्याधुनिक मौसम निगरानी टेक्नोलॉजी और प्रणालियों को डेवलप करके भारत को ‘वेदर-रेडी और क्लाइमेट-स्मार्ट’राष्ट्र बनाना है.

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, "पीएम नरेंद्र मोदी 14 जनवरी को सुबह करीब 10:30 बजे भारत मंडपम, नई दिल्ली में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लेंगे. इस अवसर पर वे उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी करेंगे." यह भी पढ़ें : Rajasthan School Holidays: राजस्थान सरकार का फैसला, शीतलहर के चलते जयपुर सहित 25 जिलों में कक्षा 1 से 8वीं तक के सभी स्कूल बंद

मिशन मौसम के तहत उच्च-रिजोल्यूशन वायुमंडलीय प्रेक्षण, अगली पीढ़ी के राडार, सैटेलाइट और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटरों को लगाया जाएगा. यह मौसम और जलवायु प्रक्रियाओं की समझ को बेहतर बनाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा और वायु गुणवत्ता संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराएगा, जिससे दीर्घावधि में मौसम प्रबंधन की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी.

इस मिशन को सितंबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अप्रूव किया गया था. दो वर्षों में 2,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाले इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का क्रियान्वयन मुख्य रूप से भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र द्वारा किया जाएगा.

मिशन मौसम से कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, पर्यावरण, विमानन, जल संसाधन, बिजली, पर्यटन, शिपिंग, परिवहन, ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों को सीधे लाभ होगा. साथ ही, इससे शहरी नियोजन, सड़क और रेल परिवहन और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में डेटा आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी वृद्धि होगी

मंगलवार को प्रधानमंत्री द्वारा जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए आईएमडी विजन-2047 दस्तावेज जारी करने की भी उम्मीद है. इसमें मौसम पूर्वानुमान, मौसम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन रोकने की योजनाएं शामिल हैं.

आईएमडी के 150वें स्थापना दिवस का जश्न मनाने के लिए, पिछले 150 वर्षों के दौरान आईएमडी की उपलब्धियों, भारत को जलवायु-लचीला बनाने में इसकी भूमिका और विभिन्न मौसम और जलवायु सेवाएं प्रदान करने में सरकारी संस्थानों द्वारा निभाई गई भूमिका को प्रदर्शित करने के लिए कई कार्यक्रम, गतिविधियां और कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं.