मुंबई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा किया है. एनआईए (National Investigation Agency) ने एंटीलिया बम मामले (Antilia Bomb Scare) और मनसुख हिरेन हत्याकांड (Mansukh Hiren Murder Cases) में चार्जशीट दाखिल करने के लिए 30 दिन का समय और मांगा है. एनआईए ने विशेष अदालत को बताया कि एंटीलिया केस (Antilia Case) के बाद मनसुख हिरेन को खत्म करने के लिए आरोपियों को 45 लाख रुपये दिए गए थे. परमबीर सिंह के खिलाफ वसूली मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित
एनआईए ने बीते महीने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक वाली एसयूवी प्लॉटिंग और मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में चल रही जांच के सिलसिले में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा के घर पर छापा मारा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले एनआईए ने दो अन्य व्यक्तियों संतोष आत्माराम शेलार और आनंद पांडुरंग जाधव को गिरफ्तार किया था, दोनों को दो मामलों में उनकी भूमिका के लिए मलाड पूर्व के कुरार गांव में एक झोपड़पट्टी से गिरफ्तार किया गया था. जिनसे पूछताछ के बाद शर्मा का नाम सामने आया.
Maharashtra: National Investigation Agency (NIA) seeks 30 more days to file chargesheet in Antilia bomb scare and Mansukh Hiren murder cases. NIA told the special court that the accused were paid Rs 45 lakhs to eliminate Mansukh Hiren after the Antilia bomb scare. pic.twitter.com/ypnI5quDOM
— ANI (@ANI) August 4, 2021
क्या है पूरा मामला?
24-25 फरवरी की रात दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया के बाहर एक स्कॉर्पियो गाड़ी लावारिस खड़ी मिली थी. 25 फरवरी की दोपहर पुलिस ने कार से 20 जिलेटिन विस्फोटक की छड़ें बरामद की थीं. मामले की जांच उस समय मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात सचिन वाजे ने अपने हाथ में ले ली थी.
बाद में जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली. पुलिस ने 5 मार्च को ठाणे क्रीक दलदल से मनसुख का शव बरामद किया. इसके बाद महाराष्ट्र एटीएस ने मनसुख की हत्या का मामला दर्ज करके जांच शुरू की. एनआईए ने 13 मार्च को मुंबई पुलिस के बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को गिरफ्तार किया. बाद में दोनों मामलों की जांच एनआईए को ही सौंप दी गई.
गौरतलब है कि एंटेलिया मामले के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफान आ गया थाष महाराष्ट्र सरकार ने जब मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह का ट्रांसफर किया तो उसके बाद उन्होंने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर यह आरोप लगाया कि वे वाजे को शहर से 100 करोड़ की वसूली करने को कहते थे. परमवीर सिंह के आरोपों के बाद राजनीति और गर्मा गई और अंतत: अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था. होम गार्डस के मौजूदा कमांडेंट जनरल, सिंह ने पहले मुंबई और ठाणे दोनों के शहर के पुलिस प्रमुख के रूप में कार्य किया है और दो महीने से अधिक समय से चिकित्सा अवकाश पर हैं. (एजेंसी इनपुट के साथ)