PM Fasal Bima Yojana: देशभर के किसानों के लिए एक अहम खबर है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ 2025-26 सीजन के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 तय की गई है. जो किसान अब तक योजना में शामिल नहीं हुए हैं, उनके पास बीमा करवाने के लिए अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं. इस योजना के तहत इस बार धान, मक्का, बाजरा और उर्द की फसलों को अधिसूचित किया गया है. लगातार बदलते मौसम और प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए फसल बीमा कराना बेहद जरूरी हो गया है.
यह योजना फसल खराब होने की स्थिति में किसानों की आय की सुरक्षा सुनिश्चित करती है. खास बात ये है कि ऋणी और गैर ऋणी, दोनों तरह के किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
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‘फसल बीमा कराओ, सुरक्षा कवच पाओ’
योजना के प्रचार-प्रसार के लिए कृषि विभाग ने ‘फसल बीमा कराओ, सुरक्षा कवच पाओ’ का नारा दिया है. इस मूवमेंट के जरिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है. इस योजना की जिम्मेदारी इस बार इफको-टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को दी गई है जो बीमा प्रक्रिया का संचालन करेगी. अगर किसी किसान की फसल को नुकसान होता है या कोई प्राकृतिक आपदा आती है, तो वह अपनी शिकायत टोल फ्री नंबर 14447 पर दर्ज कर सकता है.
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे आखिरी तारीख यानी 31 जुलाई से पहले-पहले फसल बीमा जरूर करवा लें, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में उन्हें राहत मिल सके और उनका भविष्य सुरक्षित रहे.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत 13 जनवरी 2016 को की गई थी. इसका मकसद किसानों की फसल से जुड़ी जोखिमों से रक्षा करना है, जिससे वे किसी आपदा या नुकसान की स्थिति में भारी घाटे से बच सकें.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को सुरक्षा कवच देती है. अगर फसल खराब होती है, तो किसान को मुआवजा मिलता है, जिससे उसका नुकसान कुछ हद तक कम होता है और वह दोबारा खेती कर सकता है.
फसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य
फसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य, फसल नुकसान पर आर्थिक सहायता देना. जैसे- सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, कीट या रोग से यदि फसल बर्बाद हो जाती है, तो बीमा राशि मिलती है. कृषि को जोखिम मुक्त बनाना. ताकि किसान खेती करते वक्त डर या चिंता में न रहें. कर्ज के बोझ से राहत देना, ताकी फसल खराब होने पर किसान कर्ज में न डूबें.
खरीफ फसल पर किसान को सिर्फ 2% प्रीमियम देना होता है. वहीं, रबी फसल पर 1.5%, वाणिज्यिक फसलों पर 5% देना होता है. बाकी राशि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर देती हैं. यह सभी किसानों, ऋणी किसान (जिन्होंने फसल के लिए लोन लिया है) और गैर-ऋणी किसान (जिन्होंने लोन नहीं लिया है) के लिए उपलब्ध है.
क्लेम कैसे करें?
फसल नुकसान होने पर 72 घंटे के अंदर नजदीकी कृषि कार्यालय में सूचना देना या टोल फ्री नंबर 14447 पर शिकायत दर्ज कराना होता है.
इसके बाद मुआवजे के लिए सैटेलाइट, मोबाइल ऐप और ड्रोन जैसी तकनीकों से नुकसान का आकलन किया जाता है.













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