
मुंबई, 21 फरवरी: राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी का समर्थन करते हुए, किसानों को वित्तीय और कृषि सहायता के साथ सशक्त बनाने के लिए ई-अन्नदाता योजना शुरू की गई. ई-अन्नदाता वेलफेयर एंड डेवलपमेंट इंडिया लिमिटेड द्वारा शुरू की गई यह पहल सुनिश्चित करती है कि किसानों को आवश्यक वस्तुओं, उर्वरकों, बीजों और कृषि उपकरणों पर छूट मिले. यह जैविक और प्राकृतिक कृषि संसाधनों पर सब्सिडी भी प्रदान करता है, जिससे टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिलता है. शिकायत निवारण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों जैसी अतिरिक्त सेवाओं के साथ, यह योजना समग्र किसान कल्याण पर केंद्रित है. यह भी पढ़ें: PM Kisan Yojana: किसानों के लिए खुशखबरी! इस दिन मिलेगी 19वीं किस्त, उससे पहले करें ये काम
ई-अन्नदाता योजना एक विशेष आईडी कार्ड जारी करती है जो किसानों को भारत भर में ई-अन्नदाता कैंटीन और केयर सेंटर में सब्सिडी और प्रमुख सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम बनाती है. यह पहल सुनिश्चित करती है कि किसानों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और फसल की खेती में सहायता मिले, जिससे वे आत्मनिर्भर बनें. जो लोग पंजीकरण करने के तरीके से अनजान हैं, वे ज्यादा जानकारी के लिए नीचे स्क्रॉल कर सकते हैं.
ई-अन्नदाता योजना विश्व विकास संगठन के सहयोग से ई-अन्नदाता कल्याण एवं विकास इंडिया लिमिटेड द्वारा शुरू की गई एक किसान कल्याण पहल है. राष्ट्रीय किसान दिवस (23 दिसंबर, 2020) पर शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य किसानों को रियायती दरों पर वित्तीय सहायता, कृषि संसाधन और आवश्यक सेवाएं प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है. इस पहल के तहत, किसानों को 12 अंकों का विशिष्ट पहचान पत्र मिलता है, जिससे उन्हें कृषि इनपुट, दैनिक उपयोग की वस्तुओं और आवश्यक वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक की छूट मिलती है.
इस योजना में किसानों की आजीविका में सुधार और टिकाऊ खेती का समर्थन करने के लिए शिकायत निवारण सेवाएं, प्रशिक्षण कार्यक्रम और फसल संवर्धन पहल भी शामिल हैं.
ई-अन्नदाता योजना के लिए पात्रता मानदंड
ई-अन्नदाता योजना के लिए पात्र होने के लिए, आवेदक को 1 फरवरी, 2019 तक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड में दर्ज 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि वाला भूमिधारक किसान होना चाहिए. संस्थागत भूमिधारक और उच्च आय वाले व्यक्ति, जिनमें पूर्व और वर्तमान सरकारी अधिकारी, आयकरदाता और डॉक्टर, इंजीनियर और वकील जैसे पेशेवर शामिल हैं, पात्र नहीं हैं. इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को लाभ पहुंचाना है, यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें वित्तीय सहायता, सब्सिडी और आवश्यक कृषि संसाधन प्राप्त हों.
ई-अन्नदाता योजना के लिए आवेदन करने के चरण
- निकटतम केंद्र पर जाएं: किसान अपनी सेवा शाखा या ई-अन्नदाता केयर सेंटर पर जा सकते हैं, जो उनके ब्लॉक या गांव में स्थित है.
- पंजीकरण फ़ॉर्म जमा करें: केंद्र से ई-अन्नदाता कार्ड पंजीकरण फ़ॉर्म प्राप्त करें या इसे आधिकारिक वेबसाइट eannadata.in से डाउनलोड करें.
- विवरण भरें: आवश्यकतानुसार व्यक्तिगत विवरण, भूमि स्वामित्व की जानकारी और संपर्क विवरण दर्ज करें.
- आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें: अपने आधार कार्ड, भूमि रिकॉर्ड, बैंक विवरण और पासपोर्ट आकार की फोटो की प्रतियां जमा करें.
- आवेदन जमा करें: दस्तावेजों के साथ पूरा फॉर्म संबंधित अधिकारी को सौंप दें.
- सत्यापन प्रक्रिया: अधिकारी आवेदन की समीक्षा करेंगे और भूमि रिकॉर्ड और अन्य मानदंडों के आधार पर पात्रता की पुष्टि करेंगे.
- ई-अन्नदाता कार्ड प्राप्त करें: स्वीकृति मिलने पर, ई-अन्नदाता कार्ड 45 दिनों के भीतर भारतीय डाक के माध्यम से वितरित किया जाएगा या ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है.
ई-अन्नदाता योजना एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता, सब्सिडी और आवश्यक कृषि संसाधनों के साथ सशक्त बनाना है. तीन साल के लिए वैध ई-अन्नदाता कार्ड, आवश्यक वस्तुओं, उर्वरकों और कृषि उपकरणों पर 50 प्रतिशत तक की छूट प्रदान करता है. किसान अपनी पंजीकरण स्थिति ऑनलाइन जांच सकते हैं और 45 दिनों के भीतर भारतीय डाक के माध्यम से अपने कार्ड प्राप्त कर सकते हैं. यह योजना किसानों की आजीविका में सुधार और उनकी दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.