नई दिल्ली: देश में इस बार मानसून कैसा रहेगा? इस बार बारिश कितनी और कैसी होगी, इसका पहला पूर्वानुमान जारी हो गया है. मौसम पूर्वानमान जारी करने वाली देने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने मॉनसून 2023 के लिए अपना पूर्वानुमान जारी किया है, जो काफी चिंतित करने वाला है. मौसम का अनुमान लगाने वाले एजेंसी स्काईमेट ने आशंका जताई है कि आगामी जून से सितंबर में मॉनसून 'सामान्य से नीचे' रहेगा. Heat Wave Warning: भारत के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल-जून में सामान्य से अधिक गर्मी की आशंका- आईएमडी.
स्काईमेट ने जून से सितंबर तक चार महीने की लंबी अवधि के लिए 868.6 मिलीमीटर बारिश का अनुमान लगाया है, जो दीर्घ अवधि के औसत (एलपीए) का 94 फीसदी हो सकता है. स्काइमेट के मॉनसून पूर्वानुमान के अनुसार जून से सितंबर तक 4 महीने की औसत वर्षा की 868.8 मिमी की तुलना में 816.5 मिमी यानी कि 94 फीसदी की संभावना है.
स्काईमेट के मैनेजिंग डायरेक्टर जतिन सिंह, ने एक बयान में कहा, "ला नीना के चलते पिछले लगातार चार साल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य से अधिक रहा. अब ला नीना समाप्त हो गया है और अल नीनो के आसार बढ़ रहे हैं. मॉनसून के दौरान अल नीनो के प्रभावी रहने की आशंका है. स्काईमेट के मुताबिक इस साल सामान्य से कम मानसून का अनुमान है, यानि की पहले अनुमान में बारिश सामान्य से कम रह सकती है. अल नीनो की वापसी कमजोर मानसून का संकेत दे रही है."
स्काईमेट ने अनुमान लगाया है कि देश के उत्तरी और मध्य भागों में बारिश के कम होने के आसार हैं. स्काईमेट ने कहा कि उत्तर भारत के कृषि क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सीजन की दूसरी छमाही में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है. गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त के मॉनसूनी महीनों के दौरान बारिश में भारी कमी होने की आशंका जताई है.