
बारिश (Photo Credit- Pixabay)
नई दिल्ली: मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली एक निजी एजेंसी स्काईमेट ने बुधवार को कहा कि इस साल मानसून में ‘सामान्य से कम’ बारिश हो सकती है. एजेंसी ने बताया कि मॉनसून के दीर्घकालिक औसत (एलपीए) का 93 फीसदी रहने की संभावना है. दरअसल एलपीए की 90-95 फीसदी बारिश ‘सामान्य से कम’ वाली श्रेणी में आती है. 1951 से 2000 के बीच हुई कुल बारिश के औसत को एलपीए कहा जाता है और यह 89 सेमी है. स्काईमेट के सीईओ जतिन सिंह ने संभावित सामान्य से कम बारिश के पीछे की वजह अलनीनो को बताया है.
बता दें कि औसत से कम मानसून से सबसे ज्यादा नुक्सान किसानों को होता हैं. उनकी फसलों को पर्याप्त पानी नहीं मिलता जिससे फसल बर्बाद हो जाती है. वैसे, कम मानसून से लोगों को सूखे का सामना भी करना पड़ता हैं.