आतंकी मसूद अजहर की अब खैर नहीं, अमेरिका ने चीन को लगाई लताड़, बैन के लिए UNSC में दिया नया प्रस्ताव

चीन इस समिति का स्थायी सदस्य है, यही कारण है कि उसके पास वीटो पावर है. चीन इसी के चलते किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने की क्षमता रखता है. चीन ने अजहर को संयुक्त राष्ट्रकी प्रतिबंध सूची में शामिल करने के प्रयास में इस महीने की शुरुआत में अड़ंगा डाल दिया था. संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में यह प्रयास अटक जाने के बाद अमेरिका अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को लेकर सीधे सुरक्षा परिषद पहुंच गया

आतंकी मसूद अजहर की अब खैर नहीं, अमेरिका ने चीन को लगाई लताड़, बैन के लिए UNSC में दिया नया प्रस्ताव

चीन इस समिति का स्थायी सदस्य है, यही कारण है कि उसके पास वीटो पावर है. चीन इसी के चलते किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने की क्षमता रखता है. चीन ने अजहर को संयुक्त राष्ट्रकी प्रतिबंध सूची में शामिल करने के प्रयास में इस महीने की शुरुआत में अड़ंगा डाल दिया था. संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में यह प्रयास अटक जाने के बाद अमेरिका अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को लेकर सीधे सुरक्षा परिषद पहुंच गया

देश Manoj Pandey|
आतंकी मसूद अजहर की अब खैर नहीं, अमेरिका ने चीन को लगाई लताड़, बैन के लिए UNSC में दिया नया प्रस्ताव
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसौदा प्रस्ताव भेजा ( फोटो क्रेडिट - PTI )

पुलवामा हमले के बाद भारत किसी भी सुरत में पाकिस्तान में छिपे आतंकियों छोड़ने के मूड में नहीं है. यही कारण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर ये मांग कर रहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करें. इसी कड़ी में एक बार फिर से अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है. इस प्रस्ताव में मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट में डालने की मांग की गई है. इससे पहले चीन ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए मसूद अजहर को बचा लिया था.

अब इन तीन देशो ने चीन को छोड़ अन्य देशो की समिति से बात करने वाले हैं तकी मसूद अजहर पर बैन लगाने का दबाव बने. अगर ये प्रस्ताव पर देशों की सहमति बनती है तो मसूद अज़हर पर ट्रैवल बैन, संपत्ति सीज़ होना जैसी कई कार्रवाई हो सकती हैं. वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन को लताड़ लगाते हुए कहा है कि चीन अपने यहां लाखों मुसलमानों का उत्पीड़न करता है लेकिन हिंसक इस्लामी आतंकवादी समूहों को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से बचाता है. उनका इशारा चीन के उस कदम की ओर था जब उसने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सरगना हाफिज सईद को "वैश्विक आतंकवादी" घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में अडंगा डाल दिया था.

यह भी पढ़ें:- पुलवामा हमले पर खुलकर पाक के समर्थन में आया चीन, कहा- संकट आने पर दोस्त की करेंगे मदद

चीन इस समिति का स्थायी सदस्य है, यही कारण है कि उसके पास वीटो पावर है. चीन इसी के चलते किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने की क्षमता रखता है. चीन ने अजहर को संयुक्त राष्ट्रकी प्रतिबंध सूची में शामिल करने के प्रयास में इस महीने की शुरुआत में अड़ंगा डाल दिया था. संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में यह प्रयास अटक जाने के बाद अमेरिका अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को लेकर सीधे सुरक्षा परिषद पहुंच गया. चीन ने दलील दी थी कि उसे इस विषय पर अध्ययन करने के लिये और समय चाहिये. चीन को छोड़कर सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों ने प्रस्ताव को स्वीकार किया था.

पुलवामा हमले में 40 जवान हुए थे शहीद

गौरतलब हो कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को जैश सरगना मसूद अजहर द्वारा कराये गए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के बाद भारत ने एयर स्ट्राइक करके शहीद जवानों का बदला लिया. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया.

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आतंकी मसूद अजहर की अब खैर नहीं, अमेरिका ने चीन को लगाई लताड़, बैन के लिए UNSC में दिया नया प्रस्ताव
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसौदा प्रस्ताव भेजा ( फोटो क्रेडिट - PTI )

पुलवामा हमले के बाद भारत किसी भी सुरत में पाकिस्तान में छिपे आतंकियों छोड़ने के मूड में नहीं है. यही कारण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर ये मांग कर रहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करें. इसी कड़ी में एक बार फिर से अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है. इस प्रस्ताव में मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट में डालने की मांग की गई है. इससे पहले चीन ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए मसूद अजहर को बचा लिया था.

अब इन तीन देशो ने चीन को छोड़ अन्य देशो की समिति से बात करने वाले हैं तकी मसूद अजहर पर बैन लगाने का दबाव बने. अगर ये प्रस्ताव पर देशों की सहमति बनती है तो मसूद अज़हर पर ट्रैवल बैन, संपत्ति सीज़ होना जैसी कई कार्रवाई हो सकती हैं. वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन को लताड़ लगाते हुए कहा है कि चीन अपने यहां लाखों मुसलमानों का उत्पीड़न करता है लेकिन हिंसक इस्लामी आतंकवादी समूहों को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से बचाता है. उनका इशारा चीन के उस कदम की ओर था जब उसने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सरगना हाफिज सईद को "वैश्विक आतंकवादी" घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में अडंगा डाल दिया था.

यह भी पढ़ें:- पुलवामा हमले पर खुलकर पाक के समर्थन में आया चीन, कहा- संकट आने पर दोस्त की करेंगे मदद

चीन इस समिति का स्थायी सदस्य है, यही कारण है कि उसके पास वीटो पावर है. चीन इसी के चलते किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने की क्षमता रखता है. चीन ने अजहर को संयुक्त राष्ट्रकी प्रतिबंध सूची में शामिल करने के प्रयास में इस महीने की शुरुआत में अड़ंगा डाल दिया था. संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में यह प्रयास अटक जाने के बाद अमेरिका अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को लेकर सीधे सुरक्षा परिषद पहुंच गया. चीन ने दलील दी थी कि उसे इस विषय पर अध्ययन करने के लिये और समय चाहिये. चीन को छोड़कर सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों ने प्रस्ताव को स्वीकार किया था.

पुलवामा हमले में 40 जवान हुए थे शहीद

गौरतलब हो कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को जैश सरगना मसूद अजहर द्वारा कराये गए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के बाद भारत ने एयर स्ट्राइक करके शहीद जवानों का बदला लिया. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया.

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