महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीते एक सप्ताह के दौरान हुई भयंकर बारिश से आए बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई. सांगली, सतारा, कोल्हापुर और पुणे ((Sangli, Kolhapur, Satara, Pune and Solapur)) में बाढ़ से संबंधित कई घटनाओं में करीब 43 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि तीन अन्य लोग अभी भी लापता हैं. वहीं 4,74226 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बाढ़ के कारण 584 गांवो पर इसका असर पड़ा है. 596 शेल्टर कैंप बनाया गया है. जहां लोगों को रखा गया है. बाढ़ के कारण मुंबई, ठाणे, पुणे और अन्य शहरों जैसे केंद्रीय शहरों पर भी असर पड़ा है. यहां पर लोगों को दूध, फल और सब्जियों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि सांगली जिले में सबसे ज्यादा 21 लोगों की मौत हुई है. इस बीच बाढ़ का पानी उतरने के बाद छह दिन से बंद मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग खुलने से ट्रक और अन्य वाहन चालकों को राहत मिली है. कोल्हापुर मं पानी उतरने के बाद राजमार्ग को आंशिक रूप से खोला गया हैं. सांगली और कोल्हापुर जिलों की कृष्णा और पंचगंगा नदियों में जलस्तर कम होने के बाद प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हालात सामान्य करने का प्रयास कर रहा है. हालांकि नदियों में अभी भी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. विभिन्न एजेंसियों के 1,070 जवान राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं.
Maharashtra: Death toll due to flood in all five districts of Pune division (Sangli, Kolhapur, Satara, Pune and Solapur) rises to 43. 3 still missing. 4,74,226 people have been evacuated from 584 villages. 596 temporary shelter camps have been set up for evacuated people. pic.twitter.com/JAB3vjR93g
— ANI (@ANI) August 13, 2019
गौरतलब हो कि पिछले एक सप्ताह से लगातार बारिश के कारण कोल्हापुर और सांगली जिला समेत पश्चिमी महाराष्ट्र में कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हैं. मुंबई-बेंगलुरू एनएच-4 का एक खंड भी जलमग्न हो गया था, जिसके कारण पहली बार पिछले सप्ताह इसे यातायात के लिये बंद कर दिया गया था. बाढ़ प्रभावित राजमार्ग पर जरूरी सामान से लदे हजारों ट्रक पिछले सप्ताह से फंसे हुए थे.