'अचानक मौत' के मामले में महाराष्ट्र अन्य राज्यों से आगे: NCRB
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र (Maharashtra) में 'अचानक मौत' श्रेणी के तहत 49,225 में से सबसे ज्यादा 15,245 मौतें हुई हैं. राज्यवार विश्लेषण में एनसीआरबी ने कहा कि सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में यातायात दुर्घटनाओं के तहत सबसे अधिक मौतें हुई हैं. यूपी में यातायात दुर्घटना के तहत 1,46,255 में से 21,156 मौतें दर्ज हुईं. यह भी पढ़े: Rajasthan Shocker: कोटा में आपसी झगड़े के बाद पड़ोसियों ने 40 वर्षीय व्यक्ति को पीट-पीट कर की हत्या, 5 गिरफ्तार

मध्य प्रदेश में डूबने के तहत 37,238 में से सबसे अधिक 5,779 मौतें हुईं. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 'विषाक्तता' (फूड प्वाइजनिंग ) के तहत 22,221 में से सबसे अधिक 4,611 मौतें मध्य प्रदेश में हुई हैं. अवैध/नकली शराब के सेवन की कुल 931 घटनाओं में 2020 के दौरान देश में 947 मौतें हुईं. जिन राज्यों में इस तरह की विभिन्न मौतों की सूचना मिली, उनमें मध्य प्रदेश (214 मौतें) के बाद झारखंड (139 मौतें), पंजाब (133 मौतें) शामिल हैं. कर्नाटक (99 मौतें) और छत्तीसगढ़ (67 मौतें).

ब्यूरो ने उपयुक्त निवारक रणनीतियों के लिए घटना के स्थानों के अनुसार आग से दुर्घटनाओं पर भी डेटा एकत्र किया है. 2020 के दौरान देश में आग से होने वाली दुर्घटनाओं के कुल 9,329 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 में 11,037 मामलों की तुलना में 15.5 प्रतिशत की कमी दर्शाता है. आग दुर्घटनाओं की कुल 9,329 घटनाओं में 468 लोग घायल हुए और 2020 के दौरान 9,110 लोगों की मौत हुई.

आग दुर्घटनाओं के कारण-वार विश्लेषण से पता चला है कि 2020 के दौरान आवासीय भवनों में कुल मौतों में से 57.6 प्रतिशत मौतें हुईं. मध्य प्रदेश में 2020 के दौरान ऐसे कुल मामलों में से 15.3 प्रतिशत आग दुर्घटनाओं के बड़े मामले सामने आए. 2020 के दौरान 53 मेगा शहरों में 50,512 आकस्मिक मौतों की सूचना दी गई. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, मेगा सिटी एक ऐसे शहर को संदर्भित करता है जिसकी आबादी 10 लाख या उससे अधिक है.

मुंबई में सबसे अधिक आकस्मिक मौतों की संख्या 5,221 दर्ज की गई, जो कुल मौतों का 10.3 प्रतिशत है, इसके बाद दिल्ली शहर (3,994 मौतें), बेंगलुरु (3,644 मौतें), पुणे (2,599 मौतें), नागपुर (2,258 मौतें) और सूरत (2,119 मौतें) हैं। )आंकड़ों में कहा गया है कि इन 53 मेगा शहरों में आकस्मिक मौतों की दर अखिल भारतीय आकस्मिक मौतों की दर से अधिक थी. शहरों के लिए औसत दर (31.4) की तुलना में आकस्मिक मौतों की दर रायपुर(92.1) में सबसे अधिक थी, इसके बाद राजकोट (90.8), नागपुर (90.3), फरीदाबाद (88.2), औरंगाबाद (81.8) और वसई विरार (80.9). 2020 के दौरान इन 53 मेगा शहरों में प्रकृति की ताकतों के कारण कुल 311 मौतें हुईं.