दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, जिसपर अमेरिकी सरकार की तरफ से टिप्पणी की गई थी. इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए भारत ने अमेरिकी राजनयिक ग्लोरिया बर्बेना को तलब कर लिया.
भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है. भारत ने कहा- हम भारत में कुछ कानूनी कार्यवाहियों के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हैं.
#WATCH | The Ministry of External Affairs in Delhi summoned the US' Acting Deputy Chief of Mission Gloria Berbena, today. The meeting lasted for approximately 40 minutes. pic.twitter.com/LGjD9IvX91
— ANI (@ANI) March 27, 2024
कूटनीति में, राज्यों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है. साथी लोकतंत्रों के मामले में यह जिम्मेदारी और भी अधिक है अन्यथा यह अस्वास्थ्यकर मिसाल कायम कर सकता है.
भारत की कानूनी प्रक्रियाएं एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं जो उद्देश्यपूर्ण और समयबद्ध परिणामों के लिए प्रतिबद्ध है. उस पर आक्षेप लगाना अनुचित है.
India strongly objects to the remarks of the US State Department Spokesperson:https://t.co/mi0Lu2XXDL pic.twitter.com/pa9WYNZQSi
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) March 27, 2024
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पर हम अपनी पैनी नजर गड़ाए हुए हैं. हम निष्पक्ष, समयबद्ध और पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया के लिए वहां की सरकार को प्रोत्साहित करते हैं.
आपको बता दें कि इससे पहले जर्मनी ने भी मामले पर टिप्पणी की थी, तो भारत ने जर्मनी दूतावास के उप प्रमुख को तलब कर लिया था. भारत ने जर्मनी से कहा था कि जर्मनी की टिप्पणी भारत के मामले में अनुचित हस्तक्षेप है.