नई दिल्ली, 27 जुलाई: आठवीं भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा नीति वार्ता (डीपीटी) ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में आयोजित की गई, जिसके दौरान दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा की और संबंधों को और मजबूत और गहरा करने के लिए नई पहल की खोज की. यह भी पढ़े: US Secretary of Defense India Visit: भारत पहुंचे अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन III, इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा, वार्ता की सह-अध्यक्षता रक्षा मंत्रालय में विशेष सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग में कार्यवाहक उप सचिव स्टीवन मूर ने 24-25 जुलाई को की चर्चा रक्षा उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन में साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों की पहचान करने पर भी केंद्रित थी.
दोनों पक्षों ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी को पूरी तरह से लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की भारतीय पक्ष ने अपने जहाज निर्माण और रखरखाव योजनाओं में ऑस्ट्रेलियाई सशस्त्र बलों के साथ सहयोग करने की क्षमता और क्षमता के साथ अपने रक्षा उद्योग की क्षमता पर प्रकाश डाला.
भारत-ऑस्ट्रेलिया जून 2020 से एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा कर रहे हैं और रक्षा इस साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण पर आधारित है पूरे क्षेत्र की शांति और समृद्धि में दोनों लोकतंत्रों का साझा हित है.
दोनों देशों के पास मंत्री स्तर पर टू-प्लस-टू (2+2) तंत्र है। 8वीं डीपीटी ने सितंबर 2021 में आयोजित प्रथम 2+2 के परिणामों की समीक्षा की दोनों पक्ष हाइड्रोग्राफी समझौते को शीघ्र अंतिम रूप देने पर सहमत हुए और भू-राजनीतिक स्थिति, साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.