चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य में दहेज प्रथा के खिलाफ और आय से अधिक संपत्ति जमा करनेवालों पर शिकंजा कसने के लिए नया अभियान शुरू किया है. खट्टर सरकार ने उसके अधीन कार्यरत कर्मचारियों को ससुराल से मिले सामानों और पैसों का पूरा ब्योरा देने का हुक्म दिया है.
राज्य सक्रकर की ओर से जारी अधिकारिक नोटिफिकेशन के मुताबिक सभी सरकारी कर्मचारीयों को हरियाणा सर्विस रूल्स 2016 के 18(2) के तहत ससुराल से मिले सामानों और पैसों का ब्योरा देना होगा. साथ ही ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम में अपने सम्बंधित कंट्रोलिंग ऑफिसर के माध्यम से इसे अपलोड भी करना होगा.
यह आदेश हरियाणा चीफ सेक्ट्री कार्यालय से जारी किया गया है. इसके मुताबिक अधिकारियों-कर्मचारियों को यह भी बताना होगा कि शादी के समय उन्हें ससुराल पक्ष से किसी भी तरह, किसी के भी नाम या कैसे भी कितना सामान और पैसा दिया गया. इसके साथ ही जो भी अविवाहित कर्मचारी सरकारी सेवा में आएगा, वह शादी के समय दहेज विरोधी कानून का सख्ती से पालन करने का शपथ पत्र भी देगा.
कुछ ऐसा ही कानून बिहार में भी लाया गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में दहेज प्रथा के खिलाफ जंग छेड़ने को कहा था. राज्य सरकार दहेज पर पाबंदी के कानून को कड़ाई से लागू करने का भी आदेश दें चुकी है. इसी के तहत अब वहां सरकारी नौकरी के लिए चुने गए युवकों को दहेज लेने पर नौकरी से तुरंत बर्खास्त कर दिया जाएगा.
भारत में हर साल दहेज प्रथा से ना जाने कितनी ही बेटियों की जिंदगियां बर्बाद हो रही हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों से भी इसकी पुष्टि होती है. एनसीआरबी के वर्ष 2016 के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में दहेज से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें आई थीं.
गौरतलब है कि भारत में दहेज के खिलाफ कड़े कानून के बावजूद इस कुप्रथा के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. दहेज उत्पीड़न की धारा 498-ए के तहत पीड़िता के पति समेत अन्य परिजनों की तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान है.