अहमदाबाद: देश के सबसे अमीर राज्यों में से एक गुजरात में ऐप से कैब सर्विस देने वाली सभी कंपनियों को झटका लग सकता है. दरअसल गुजरात सरकार ने कैब सर्विस देने वाली कंपनियों की फ्लीट 20,000 कैब तक सीमित करने का प्रस्ताव दिया है. अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो आनेवाले समय में गुजरात की सड़कों पर कैब की संख्या कम हो सकती है.
गुजरात राज्य के परिवहन विभाग के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में ऐसी सभी कंपनीयों के लिए सिर्फ एक लाइसेंस देने का प्रस्ताव किया गया है. इससे कंपनियां अधिक से अधिक एक लाइसेंस ही ले सकेंगी जिससे 20,000 की कैब लिमिट की सीमा पार नहीं कर पाएंगी.
गुजरात सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक कैब कंपनियों के ड्राइवरों के अपराध के मामलों में शामिल होने के कारण यह प्रस्ताव लाया गया है. लेकिन यह अभी केवल ड्राफ्ट है और इसे अंतिम रूप देकर लागू करने से पहले सभी पहलुओं का बारीकी से निरीक्षण किया जाएगा.
बता दें कि दुनिया के कई देशों में ऐप बेस्ड कैब की संख्या पर नकेल कसने के लिए ऐसे कदम उठाए गए हैं और कई जगहों पर विचार भी किया जा रहा है. जानकारों की मानें तो भारत में ऐसा करने से सबसे ज्यादा नुकसान उबर और ओला को होगा. क्योकि भारत की सड़कों पर सबसे ज्यादा इन्ही दोनों कंपनियों की गाड़िया दौड़ती है.
हाल के कुछ वर्षों में भारत में ऐप बेस्ड कैब सर्विसेज का चलन तेजी से बढ़ा है जिससे स्थानीय वाहन मालिकों और चालकों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि अगर गुजरात सरकार कैब सर्विसेज को लेकर कोई रेग्युलेशन लाती है तो दूसरे राज्य भी इसपर विचार कर सकते है.