वाशिंगटन: भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की चीफ इकॉनमिस्ट बनाया गया है. गीता फिलहाल हार्वर्ड विश्वविद्याल में इंटरनेशनल इकॉनमिक स्टडीज की प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं. इससे पहले भारत के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को यह जिम्मेदारी दी गई थी. इस वजह से गीता इस महत्वपूर्ण पद को संभालने वाली दूसरी भारतीय है.
आईएमएफ के मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टीन लगार्द ने सोमवार को इसकी घोषणा की. क्रिस्टीन ने कहा, ‘‘गोपीनाथ दुनिया की बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक है. उनके पास उम्दा शैक्षणिक योग्यता के साथ व्यापक अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी है.’’ आईएमएफ ने एक बयान के अनुसार गोपीनाथ मारीस ओब्स्टफील्ड का स्थान लेंगी. ओब्स्टफील्ड 2018 के अंत में सेवानिवृत्त होंगे.
गीता के पास आमेरिकी नागरिकता है. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्याल से बीए से स्नातक की डिग्री हासिल की है. इसके बाद दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से एमए भी किया. गीता ने वर्ष 2001 में प्रिंसेटॉन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की.
International Monetary Fund (IMF) Managing Director Christine Lagarde appoints Harvard’s Gita Gopinath as IMF Chief Economist, replacing Maury Obstfeld who will retire from IMF in December.
— ANI (@ANI) October 1, 2018
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर ने पिछले साल अपने विश्लेषण में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को एक वास्तविक सुधार बताया था. मुंबई में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आई गीता ने कहा था कि जीएसटी अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने का एक तरीका है. यह कर अनुपालन सुनिश्चित करने का एक बहुत ही प्रभावशाली तरीका है, जिससे काला धन अर्जित करना कठिन होता है. मेरा मतबल है कि यह काले धन को अर्जित करना कठिन बना सकता है, उसे रोक नहीं सकता.