Ganesh Chaturthi 2022: 12 साल से एलओसी पर होता है गणेश उत्सव, ये है मान्यता
Ganesh Jayanti Greetings 2022 (Photo Credits: File Image)

नई दिल्ली, 21 अगस्त: देश भर में 31 अगस्त से गणेश उत्सव Ganesh Ustav) उत्सव की शुरूआत होने वाली है. हर जगह लोग भगवान गणेश की पूजा करते हैं. खासतौर से ये त्योहार महाराष्ट्र (Maharastra) में काफी धूमधाम से मनाया जाता है.मगर आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत-पाकिस्तान (Bharat-पाकिस्तान) सीमा पर फौजियों के बीच भी गणेश उत्सव पिछले 12 सालों से मनाया जा रहा है.13वें साल भी इसे मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं. यह भी पढ़ें :एनसीबी की टीम ने 4 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया, 206 किलो गांजा बरामद

जम्मू कश्मीर के पुंछ में पुलस्त नदी के पास भारत-पाकिस्तान सीमा पर पिछले 12 सालों से भगवान गणेश की मूर्ती की स्थापना होती है. इसकी तैयारी स्थानीय सामाजिक संगठन और भारतीय फौज की यूनिट 101 गनर रेजिमेंट द्वारा की जाती है. 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव में भारतीय फौज के जवान दिन रात गणेश पंडाल पर पहरा देते हैं.13वें साल भी इसके लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं.

पुंछ की सामाजिक कार्यकर्ता ईशरदीदी ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि इस साल भी हम सीमा पर गणेश उत्सव मनाने जा रहे हैं. हालांकि पिछले 2 सालों से कोरोना के चलते बड़े पैमाने पर इसे नहीं मनाया गया.

भारत-पाकिस्तान सीमा पर होने वाले इस गणेश उत्सव के लिए भगवान गणेश की मूर्ती मुंबई से लाई जाती है। हफ्तों पहले इसे बनाने का आर्डर दिया जाता है.पुंछ में इस गणपति पंडाल को किंग ऑफ एलओसी नाम दिया गया है. ईशरदीदी ने बताया कि पिछले 12 सालों से गणेश मूर्ति मुंबई में एक ही कारीगर से बनवाई जाती है.इस साल रविवार 21 अगस्त को गणेश मूर्ति मुंबई से जम्मू कश्मीर के पुंछ में ले जाई जा रही है.उन्होंने बताया कि सीमा पर हमारे जवान कठिन परिस्थितियों में भी देश की रक्षा करते हैं. सभी को विश्वास है कि इस साल भी सीमा पर गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा.

गणेश उत्सव के 10 दिनों तक भारतीय सेना के गनर रेजिमेंट के जवान भगवान गणेश की पूजा करते हैं.ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश भारतीय जवानों को सीमा पर दुश्मनों से महफूज रखते हैं.यही वजह है कि बटालियन का हर जवान इस दौरान भगवान गणेश की पूजा कर आशीर्वाद लेता है. सुबह 4-5 बजे जवानों द्वारा बप्पा की आरती की जाती है, इसके अलावा शाम 7 बजे भी जवानों की उपस्थिति में स्थानीय लोग मिलकर आरती करते हैं.अनंत चतुर्थी के दिन शेर-ए-कश्मीर पुल के पास पुलस्त नदी में गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है.

जम्मू-कश्मीर में इन दिनों आतंकियों द्वारा टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.इसको देखते हुए सावधानियां बरतने की बात कही जा रही है. किंग ऑफ एलओसी गणेश पंडाल की प्रमुख ईशरदीदी ने बताया कि सीमा के आसपास आतंकी खतरा हमेशा बना रहता है. साल 2016 में महाभण्डारे के दिन आतंकियों ने गणेश पंडाल के पास ही हमला कर दिया था, जिसमें उनके भतीजे की गोली लगने से मौत हो गई थी. बाद में हुए एनकाउंटर में 4 आतंकियों को मार गिराया गया था. इसी को देखते हुए गणेश पंडाल के आसपास सेना के जवान बंदूक लेकर तैनात रहते हैं, ताकि आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेरा जा सके.

पुंछ में ये गणेश उत्सव सेना के जवानों का उत्साह और मनोबल बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था. इस साल जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा की जा रही टारगेट किलिंग को देखते हुए प्रशासन ने गणपति ट्रस्ट को अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं.देर रात तक आने जाने की मनाही की गई है. यही वजह है कि प्रशासन से तालमेल और सेना के दिशा निदेशरें के मुताबिक ही गणेश उत्सव मनाया जाएगा.गणेश उत्सव वैसे तो पूरे देश भर में मनाया जाता है, लेकिन भारत-पाकिस्तान की सीमा पर खतरों के साए में मनाया जाने वाला ये उत्सव बेहद खास होता है। पुंछ के स्थानीय लोग हों या फिर सेना के जवान हर कोई 10 दिनों तक गणपति बप्पा की आराधना में डूब जाता है.