नयी दिल्ली, 2 मार्च : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी)(National Green Tribunal) ने दिल्ली जल बोर्ड (Djb) को निर्देश दिया है कि वह 31 मई तक कोंडली सीवेज शोधन संयंत्र से आनेवाली ‘बदबू’ को नियंत्रित करे और दुर्गंध नियंत्रण इकाई की स्थापना करे. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जरूरी उपाय नहीं किए गए तो निर्धारित तारीख के बाद दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को तब तक हर महीने पांच लाख रुपये भरने होंगे जब तक कि आदेश का पालन नहीं हो जाता.
अधिकरण ने इसके साथ ही मामले को सुनवाई के लिए नौ जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया. यह भी पढ़ें : Assam Assembly Election 2021: प्रियंका गांधी का बड़ा बयान- असम में कांग्रेस सत्ता में आई तो CAA रद्द करेंगे और देंगे 5 लाख लोगों को सरकारी नौकरी
एनजीटी ने यह निर्देश एक रेजीडेंट वेलफेयर सोसाइटी की याचिका पर दिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि कोंडली सीवेज शोधन संयंत्र का परिचालन मानकों के अनुरूप नहीं हो रहा है और वहां से बदबू आ रही है.