Farmers Protest: कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन पिछले करीब एक महीने से लगातार जारी हैं. किसानों का कहना है कि जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेगी. तब तक उनका आंदोलन इस तरह से चलता रहेगा. इस बीच देखा जा रहा है कि कृषि कानूनों को लेकर किसान यूनियन बटें हुए नजर आ रहे हैं. अभी पिछले हफ्ते ही बागपत के करीब 60 किसान यूनियन के नेताओं ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर समर्थन में छिट्ठी सौंपी थी. वहीं आज एक बार फिर से 20 संगठन के किसान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को समर्थन में चिठ्ठी सौंपने वाले हैं.
कृषि मंत्री तोमर को बागपत के किसानों द्वारा सौपें चिठ्ठी से पहले देश के 20 राज्यों के तीन लाख 13 हजार 363 किसानों ने नए कृषि कानूनों के समर्थन में चिठ्ठी सौंपी थी. सरकार को समर्थन में चिठ्ठी सौंपने के बाद किसानों ने मंत्री तोमर से कहा था कि वे उनके साथ है. सरकार इस कानून को रद्द ना करें. इन किसानों के साथ केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी के साथ ही सीएनआरआई के महासचिव विनोद आनंद, कार्यकारी अध्यक्ष रघुपति सिंह, मोहन कांडा, डॉ. प्रवीण त्रिपाठी सहित अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारी साथ में कृषि मंत्री के पास गए थे. यह भी पढ़े: Farmers Protest: बागपत किसान मजदूर संघ के किसानों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से की मुलाकात, समर्थन में सौंपी चिठ्ठी
Delhi: Leaders of around 25 farmer organisations today met & handed over to Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar a letter in support of the new agriculture laws. pic.twitter.com/deesc2QX3b
— ANI (@ANI) December 28, 2020
हालांकि कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों का आरोप है कि जो भी यूनियन के लोग सरकार से मिल रहे हैं. वे किसान नहीं हैं उनका किसानों से कोई लेना देना नहीं हैं. इसलिए वे इस कानून के रद्द होने तक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर डेट रहेंगे.